मध्य प्रदेश सरकार में पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे ने नागरिक संशोधन कानून और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मामले पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि एक तड़ीपार को लोगों से नागरिकता का कागज पूछने का क्या अधिकार है? वे कौन होते हैं जो कागज पूछें. सुखदेव पांसे ने सवाल उठाया है कि हम हिंदुस्तानियों को कागज दिखाने की जरूरत पड़ेगी क्या? ये कौन होते हैं? हमें पूछने वाले ये तड़ीपार लोग. इनको क्या अधिकार है?
मंत्री पांसे ने इसके अलावा बैतूल प्रशासन पर भी रेत माफियाओं से सांठगांठ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा है कि प्रशासन की निरंकुशता नजर आई है. दुर्भाग्य है कि कैबिनेट मंत्री के संज्ञान लेने के बाद प्रशासन जागता है. पांसे ने कहा कि बैतूल में हर रोज अवैध काम चल रहे थे, उसे चुस्त दुरुस्त करने के लिए कलेक्टर एसपी को निर्देश दिए हैं.
मंत्री सुखदेव पांसे बैतूल में एक निजी कॉलेज के वार्षिक समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे. उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए बैतूल में शुक्रवार उनकी सूचना पर पकड़े गए 43 डंफरों के मामले में कहा कि दुर्भाग्य का विषय है कि मंत्री द्वारा संज्ञान में लाये जाने पर प्रशासन जागता है. कुछ अधिकारी और कर्मचारी संरक्षण देंगे तो सीएम से कहकर ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि रेत मामले में कही न कहीं चंद लोगों की सांठगांठ है. प्रशासन की निरंकुशता नजर आयी है. इसलिए बरसों से रेत का अवैध काम चल रहा था. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कैबिनेट में प्रस्ताव लाये जाने के सवाल पर उन्होंने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह सरकार अपने पूर्व और मौजूदा कार्यकाल में असफल साबित हुई है. इसलिए इधर-उधर की नौटंकी कर रही है.