पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत बुधवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। इसके लिए उनकी वर्दी तैयार हो गई है। वर्दी का रंग पहले ही तरह ऑलिव ग्रीन होगा लेकिन उसमें बैच और अन्य चीजें पूरी तरह से अलग होंगी। एडिशनल डायरेक्टरेट जनरल ऑफ पब्लिक इनफॉरमेशन (एडीजीपीआई) ने मंगलवार को वर्दी पर लगने वाले बैच और दूसरी चीजों की तस्वीर जारी की। वर्दी पर लगने वाला बटन सुनहरे रंग का होगा जिसपर एक प्रतीक चिन्ह लगा होगा। इसके अलावा पीक कैप, कंधे पर लगने वाला बैच, बेल्ट का बकल और कार पर लगने वाले झंडे की तस्वीर जारी कर दी। कंधे पर लगने वाले बैच पर सुनहरे रंग में अशोक स्तंभ के साथ एक स्टार और एक प्रतीक चिन्ह होगा। सरकार ने रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों का अलग विभाग भी बना दिया है।
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर के मौके पर थल सेना के प्रमुख मनोज मुकुंद नरवाने, नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया मौजूद रहेंगे।
अब रक्षा मंत्रालय में हुए पांच विभाग
नए बदलाव के बाद रक्षा मंत्रालय में पांच विभाग हो गए हैं। ये हैं रक्षा विभाग, सैन्य मामलों के विभाग, रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा शोध विभाग और पूर्व सैनिक कल्याण विभाग। सैन्य मामलों का विभाग रक्षा मंत्रालय का एकीकृत मुख्यालय होगा, जिनमें सेना मुख्यालय, नौसेना मुख्यालय, वायुसेना मुख्यालय, सीडीएस मुख्यालय और प्रादेशिक सेना मुख्यालय शामिल हैं।
सरकार ने रक्षा मंत्रालय में बनाया सैन्य मामलों का विभाग, सीडीएस करेंगे अगुआई सरकार ने रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों का अलग विभाग बना दिया है। मंगलवार को जारी एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि इस विभाग की अगुआई नव नियुक्त चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत करेंगे। उल्लेखनीय है कि सेनाध्यक्ष के तौर पर तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद जनरल रावत को देश का पहला सीडीएस नियुक्त किया गया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत सरकार के कामकाज के बंटवारे के नियम 1961 में बदलाव को मंजूरी दे दी है। नए विभाग में तीनों सेनाओं आर्मी, नेवी और एयर फोर्स से संबंधित कार्य होंगे। सीडीएस के विभाग की यह खास जिम्मेदारी होगी कि वह तीनों सेनाओं में स्वदेशी उपकरणों के इस्तेमाल को बढ़ावा दे।
आदेश के मुताबिक, विशेष रूप से सेनाओं के लिए रक्षा खरीद का काम होगा। सैन्य मामलों का विभाग सैन्य कमानों का पुनर्गठन करेगा ताकि इसके संसाधनों का सर्वोत्तम इस्तेमाल हो सके। खासकर सैन्य अभियानों में तीनों सेनाओं में बेहतर तालमेल के अलावा सेनाओं की जरूरत के अनुरूप संयुक्त रूप से प्रशिक्षण और भर्तियों को लेकर रणनीति बनाना है।
सीडीएस सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) में सचिव के तौर पर काम करेंगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने 24 दिसंबर को सीडीएस का पद बनाने की मंजूरी दी थी।