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शरद पवार ने बताया, बीजेपी के साथ क्यों गए थे अजित पवार…

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 महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी के गठबंधन वाली सरकार बन चुकी है। हालांकि, तीनों दलों के लिए एक साथ आना इतना भी आसान नहीं रहा और इसके लिए कई दिनों तक इनके बीच बातचीत का दौर जारी रहा। इसी दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने अचानक बीजेपी को समर्थन दे दिया था, जिसके बाद से महाराष्ट्र का सियासी पारा और चढ़ गया था। वहीं, महा अघाड़ी सरकार के सदन में विश्वास मत हासिल करने के कुछ दिनों बाद शरद पवार ने बताया कि किस कारण से अजित पवार ने आखिरकार बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया।महाराष्ट्र
बैठक में कांग्रेस नेताओं का बर्ताव खराब था- शरद पवार

महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार बनाने के पीछे शरद पवार का ही दिमाग था, खुद शरद पवार ने एक इंटरव्यू में बताया था कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी शिवसेना के साथ जाने को तैयार नहीं थी, लेकिन महाराष्ट्र कांग्रेस यूनिट के नेताओं और शरद पवार के कहने पर वह उद्धव ठाकरे की पार्टी के साथ जाने को तैयार हुई थीं। हालांकि, शरद पवार ने अजित पवार के बीजेपी के साथ जाने के पीछे जो कारण बताए हैं, उससे कांग्रेस जरूर असहज महसूस कर सकती है।

शरद पवार
हमारी पार्टी को इस गठबंधन में क्या मिला?- पवार

शरद पवार ने पावर शेयरिंग डील पर भी असंतोष व्यक्त किया, जो उद्धव ठाकरे सरकार के शपथ ग्रहण से पहले कई दौर की बैठकों के बाद तीनों दलों के बीच हुई थी। शरद पवार ने कहा, ‘एनसीपी के पास शिवसेना से दो सीटें कम और कांग्रेस से 10 सीटें ज्यादा हैं। शिवसेना को सीएम पद मिला और कांग्रेस को स्पीकर, मेरी पार्टी को क्या मिला? डिप्टी सीएम के पास कोई अधिकार नहीं होता है।’ वहीं, अजित पवार के बीजेपी के साथ जाकर पार्टी से बगावत करने के मामले पर भी शरद पवार ने प्रतिक्रिया दी।

महाराष्ट्र
अजित को शायद लगा कि ये गठबंधन नहीं चल पाएगा- पवार

शरद पवार ने कहा कि एनसीपी-कांग्रेस की मीटिंग के दौरान कांग्रेस नेताओं के खराब व्यवहार ने अजित पवार को बीजेपी के साथ जाने को मजबूर किया। उन्होंने कहा कि अजित पवार ने शायद इसलिए बीजेपी के साथ जाने के बारे में सोचा क्योंकि उनको लगा कि ये गठबंधन काम नहीं करेगा। एनसीपी-कांग्रेस की बैठक में, नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी हुई। एनसीपी नेताओं को मुझसे वहां से चलने के लिए कहना पड़ा। शायद तभी अजित पवार ने भाजपा के साथ जाने का फैसला किया क्योंकि उन्हें लगा कि गठबंधन काम नहीं करेगा। हालांकि, शरद पवार ने कहा कि अजित पवार का उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेना मेरे लिए बिल्कुल हैरान करने वाला था।