शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का कहना है कि बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए अनाधिकारिक माध्यमों से अभी भी संपर्क कर रही है. उन्होंने कहा, “वे हर बार अस्पष्ट और अलग-अलग प्रस्ताव दे रहे हैं. लेकिन हमने कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाने का निर्णय लिया है.”
उसके बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने उद्धव के बयान की एक तरह से पुष्टि करते हुए कहा कि, पार्टी ने उन्हें सरकार गठन के लिए बीजेपी संग गठबंधन को फिर से जिंदा करने पर शिवसेना को समझाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए लगा रखा है.
राणे ने कहा कि, “हम 145 सदस्यों के एक सामान्य बहुमत की कोशिश में लगे हुए हैं, हमारा यही लक्ष्य है और हम राज्यपाल को उसे सौंपेंगे. मुझे नहीं लगता कि शिवसेना एनसीपी-कांग्रेस के साथ जाएगी. वे शिवसेना को मोहरा बना रहे हैं.” वहीं शिवसेना प्रमुख ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के उस बयान का जिक्र करते हुए बीजेपी पर हमला बोला, जिसमें उन्होंने कहा कि शिवसेना ने औपचारिक रूप से पहली बार सोमवार को उनसे (कांग्रेस-एनसीपी) संपर्क किया.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि, “वे हमारे ऊपर बीजेपी को छोड़कर हर किसी से पहले से ही बात करने आरोप लगा रहे हैं. लेकिन अब सच्चाई सामने आ गई है. हमारे पास बातचीत का समय था, लेकिन मैं इस दिशा में नहीं जाना चाहता था, जिस दिशा में चर्चा हो रही है.” ठाकरे ने कहा कि राज्यपाल बी.एस. कोश्यारी ने किस तरह उन्हें दो दिन का समय नहीं दिया, लेकिन अब उन्होंने दूसरे दलों को समर्थन पत्र के लिए छह महीने का समय दे दिया.
उन्होंने बीजेपी की चुटकी पर चुटी लेते हुए कहा, “जब से उन्होंने हमें शुभकामनाएं दी हैं, लगता है यह हमें दिशा दिखा रहा है. हम उन्हें निराश नहीं करेंगे.” कांग्रेस-एनसीपी के साथ वैचारिक मतभेदों के सवाल पर ठाकरे ने बीजेपी द्वारा विपरीत विचारधारा की पार्टियों से किए गए गठबंधन पर सवाल उठा दिया, जिसमें नीतीश कुमार, रामविलास पासवान, चंद्रबाबू नायडू और अन्य शामिल हैं.