कार्तिक पूर्णिमा पर मंगलवार को देव दिवाली मनाई जाएगी। देशभर के तीर्थ और धार्मिक स्थलों पर इस दिन दिवाली जैसी आस्था देखने को मिलती है। छोटी काशी जयपुर के गलता तीर्थ में इस दिन स्नान और दीपदान के लिए भक्त उमड़ते हैं। मान्यता है कि देव दिवाली को गलता में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों देवता स्नान के लिए आते हैं। इसके साथ ही भगवान श्रीनिवास भी गलता स्नान करते हैं।
कार्तिक मास में वैसे तो पूरे माह ही गलता स्नान के लिए महिलाओं और लोगों की भीड़ उमड़ती है, लेकिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देव उठनी एकादशी से पांच दिन के लिए कार्तिक स्नान करने वाली महिलाएं और लोग पंच भीष्म स्नान करते हैं। इसमें महिलाएं गलता स्नान करती हैं, ऐसे में कार्तिक माह के आखिरी पांच दिन गलता स्नान करने वालों का मेला सा लगता है। यहां तड़के 3 बजे से ही श्रद्धालु गलता स्नान के लिए पहुंच जाते हैं, गलता स्नान करने वालों की भीड़ दिनभर रहती है। महिलाएं जनाना कुंड में आस्था की डुबकी लगाती हैं, वहीं लोग सूर्य कुंड में स्नान कर पुण्य लाभ लेते हैं।
गलता पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य महाराज ने बताया कि कार्तिक मास में गलता स्नान का विशेष महत्व है। गलता तीर्थ की मान्यता है कि यहां देव दिवाली पर पर भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश स्नान करते के लिए आते हैं। कार्तिक अमावस्या के साथ ही गलता स्नान के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी है। डाला छठ से गलता में मेला सा माहौल शुरू हो जाता है। यहां दो दिवसीय आयोजन होते हैं। उसके बाद गोपाष्टमी, आंवला नवमीं पर भक्तों की भीड़ जुटती है।