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छत्तीसगढ़ : बड़े सियासी आंदोलन स्थगित, न कांग्रेस कार्यकर्ता दिल्ली जाएंगे, न भाजपाई जेल भरेंगे

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छत्तीसगढ़ में आने वाला सप्ताह सियासी हलचल का होने वाला था, फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा। दरअसल राज्य के दोनों ही बड़े दलों ने अपने आंदोलनों को स्थगित कर दिया है। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी धान के मुद्दे पर सड़कों पर उतरने की तैयारी में थे। अब राम मंदिर पर आए फैसले के बाद इन्हें स्थगित कर दिया गया है। कानून और सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर यह फैसला दोनों ही दलों नेताओं ने लिया है।

पीएम को सौंपने थे लाखों पत्र

  1. कांग्रेस प्रदेश के लाखों किसानों के पत्र लेकर दिल्ली जाने वाली थी। इस पत्र में प्रदेश से चावल लेने की मांग किसान पीएम से कर रहे थे। दरअसल, केंद्र सरकार ने प्रदेश से बोनस रेट पर दिए चावल को खरीदने से इंकार कर दिया है। इसे लेकर कांग्रेस 13 नवंबर को सड़कों से होते हुए दिल्ली जाने की तैयारी में थी। मगर अब यह आंदोलन स्थगित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जल्द ही इस आंदोलन की नई तारीख बताई जाएगी।
  2. भाजपा जलाने वाली थी घोषणा-पत्रकिसानों से किए गए वादों से सरकार पर मुकरने का आरोप लगाकर भारतीय जनता पार्टी भी प्रदर्शन करने की तैयारी में थी। 13 नवंबर को ही कांग्रेस के आंदोलन के जवाब में जेल भरो आंदोलन करने की तैयारी थी। हजारों की तादाद में कार्यकर्ता गिरफ्तारी देते और कांग्रेस का जन घोषणा पत्र जलाने की तैयारी भी थी। भाजपा ने सरकार से 15 नवंबर से धान खरीदने की बात कही है, जबकि सरकार इसे 1 दिसंबर से खरीदेगी।