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छत्तीसगढ़ : ओडिशा बॉर्डर पर छत्तीसगढ़ में बनेगी सबसे लंबी सुरंग, जमीन अधिग्रहण का काम आरंभ

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रायपुर से विशाखापट्टनम पर बनने वाले इकोनॉमी कॉरिडोर में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, ओडिशा के बॉर्डर पर प्रदेश की सबसे लंबी सुरंग बनाएगा। रायपुर विशाखापट्टनम मार्ग पर बनने वाले इकोनॉमी कॉरिडोर के भू-अधिग्रहण का काम तेजी से शुरू हो गया है। इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाने से जहां जगदलपुर रोड का भार कम हो जाएगा, वहीं दूसरी तरफ यात्रियों को करीब सौ किलोमीटर की बचत होगी।

वहीं यात्रियों के समय की भी बचत होगी। छत्तीसगढ़ में 123 किलोमीटर का बनाया जाएगा। इसके लिए एनएचएआई द्वारा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एनएचएआइ के अधिकारियों का कहना है कि इसके बन जाने से विशाखापट्टनम पोर्ट जाने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा हो जाएगा।

ज्ञात हो कि रायपुर से विशाखापट्टनम मार्ग पर एनएचएआइ द्वारा 463 किलोमीटर का कॉरिडोर का निर्माण कार्य किया जाना है। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत केन्द्र से स्वीकृति मिल गई है। छत्तीसगढ़ की सीमा में यह 123 किलोमीटर तक बनाया जाएगा। इसकी इसे रायपुर के कुरूद गांव से इसकी शुरूआत की जाएगी। इस रूट पर 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गाड़ियां फर्राटे भरेंगी। इस रूट पर ओड़िसा से लगे छत्तीसगढ़ के बार्डर पर 4.3 किलोमीटर की सुरंग बनाई जाएगी।

123 किलोमीटर की दूरी पर पांच जंक्शन

एनएचएआइ के अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कुल पांच जंक्शन बनेंगे। उन्हीं जंक्शन से यात्री निकल सकेंगे। बाकी कहीं से भी यात्री कॉरिडोर से नहीं जा पाएंगे। इस रूट की खासियत होगी कि इस पर क्लोज टोलिंग सिस्टम का निर्माण किया जाएगा। इससे यह फायदा होगा कि यात्री जितनी दूर तक इस सड़क का इस्तेमाल करेगा, उसे उतना ही टैक्स चुकता करना पड़ेगा। इससे यात्रियों को काफी फायदा होगा। टोल टैक्स के नाम पर अधिक पैसे नहीं देने पड़ेंगे।

83 किलोमीटर की होगी बचत

वर्तमान में छत्तीसगढ़ से विशाखापट्टनम की दूरी तकरीबन 546 किलोमीटर है, लेकिन कॉरिडोर बन जाने से यह दूरी घटकर 463 किलोमीटर हो जाएगी। कॉरिडोर में प्रवेश करने के बाद यात्री कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे। वहीं यात्रियों के समय की भी बचत होगी। अधिकारी ने बताया कि विशाखापट्टनम जाने वाले यात्री वर्तमान में जगदलपुर होकर जाते हैं, लेकिन इसके बन जाने से जगदलपुर रोड का भार कम हो जाएगा।

डेढ़ साल में काम होगा शुरू

एनएचएआइ के अधिकारी का कहना है कि छत्तीसगढ़ में भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से शुरु हो गई है। प्रक्रिया को पूरी करने में करीब एक से डेढ़ साल लगेंगे उसके बाद इससे बनाने का काम शुरु किया जाएगा। इसके बनने के बाद महाराष्ट्र से आने वाले यात्री शहर में प्रवेश न कर सीधे विशाखापट्टनम पहुंच जाएंगे।