छठ महापर्व की शुरूवात हो चुकी हैं यह पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता हैं वही कार्तिक मास में दिवाली के 6 दिनों बाद छठ का पर्व मनाया जाता हैं। इस चार दिन के व्रत के दौरान लोग अपने घरों में साफ सफाई का खास ध्यान रखते हैं। इसमें कई तरह के नियमों का भी पालन किया जाता हैं जिस कारण इसे महापर्व और महाव्रत के नाम से जाना जाता हैं। वही आज हम आपको इस महापर्व को मनने के पीछे की कथाओं के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
जानिए छठ व्रत कथा—
कथा के मुताबिक प्रियव्रत नाम के एक राजा और उनकी पत्नी मालिनी की कोई संतान नहीं थी। जिस वजह से दोनों पती व पत्नी बहुत दुखी रहते थे। संतान की प्राप्ति के लिए उन्होंने महार्षि कश्यप से पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया। जिसके बाद वह गर्भवती हो गई। नौ माह के बाद जब राजा के बेटा हुआ तो वह मारा हुआ था।
इस बात का पता चलने पर राजा को बहुत दुख हुआ व इसी शोक में राजाने हत्या करने का मन बना लिया जैसे ही राजा ने आत्महत्या करने की कोशिश की उनके सामने देवी प्रकट हुई और कहा, मै षष्ठी देवी हूं।
मैं लोगो को पुत्र का सौर्भाय प्रदान करती हूं। सच्चे भाव से जो भी मेरी पूजा करता हैं मैं उनकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हूं। तुम मेरी पूजा करों मैं तुम्हें पुत्र का वरदान दूंगी। यह सुकर राजा ने उनकी आज्ञा का पानल करते हुए कार्तिक शुक्ल की षष्टी तिथि को देवी की पूजा की। इसके बाद राजा को सुंदर पुत्र की प्राप्ति हुई तभी से छठ का पर्व मनाया जाता हैं।