जम्मू कश्मीर के बंटवारे के बाद वहां लागू राष्ट्रपति शासन को आज हटा लिया गया. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख नाम के दो नए केंद्र शासित राज्य आज से अस्तित्व में आ गए.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 और धारा 35ए के अधिकांस प्रावधानों को खत्म कर दिया था. इसके साथ ही सरकार ने जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था.
राष्ट्रपति की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, ”संविधान की धारा-356 की उपधारा-2 के तहत मिले अधिकार का प्रयोग करते हुए मैं, राम नाथ कोविंद, भारत के राष्ट्रपति के रूप में 19 दिसंबर, 2018 को जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में जारी अधिसूचना को रद्द करता हूं.”
जून 2018 में बीजेपी ने जम्मू कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. इसके बाद मुफ्ती ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
मुफ्ती के इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था. इसे राज्यपाल शासन भी कहा जाता है. यह छह महीने के लिए होता है. संसद की मंजूरी लेकर छह महीने बाद इसे अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया था.
राष्ट्रपति शासन जिस धारा-356 के तहत लगाया जाता है, वह केवल राज्यों पर ही लागू होता है, केंद्र शासित प्रदेशों पर नहीं.
केंद्र सरकार ने वरिष्ठ आईएस अधिकारी जीसी मुर्मू और आरके माथुर को क्रमश: जम्मू कश्मीर और लद्दाख का उपराज्यपाल नियुक्त किया है.
उपराज्यपाल ने ली शपथ
आरके माथुर ने आज लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के रूप में कार्यभार संभाल लिया. एक समारोह में जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने माथुर को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
शपथ ग्रहण समारोह तिशुरु के सिंधु संस्कृति ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया. शपथ से पहले नियुक्ति का वारंट एक अधिकारी ने पढ़कर सुनाया.
माथुर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1977 बैच के अधिकारी हैं. वो रक्षा सचिव और मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर काम कर चुके हैं.
केंद्र सरकार ने बुधवार को 1989 बैच के आईएएस अधिकारी उमंग नरूला को लद्दाख के उपराज्यपाल का सलाहकार नियुक्त किया.
इसके साथ ही 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी एसएस खांडरे को लद्दाख का पुलिस प्रमुख बनाया गया है.
लद्दाख रणनितिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण इलाका है. इसकी सीमाएं पाकिस्तान और चीन से लगती हैं. इसकी आबादी करीब तीन लाख है.