पर्यावरण को प्रदूषित करने में प्लास्टिक के कचरे का बहुत ज्यादा योगदान है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने स्वच्छता अभियान (Swacchta Abhiyan) के तहत इसी साल दो अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर देशवासियों से सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) के इस्तेमाल पर रोक लगाने की अपील की थी. अब हिमाचल सरकार ने इस दिशा में सख्ती से कदम उठाया है. कुल्लू जिले के मनाली की रहने वाली कल्पना ठाकुर (Kalpana Thakur) ने अपने तरीके से प्लास्टिक को ठिकाने का नया तरीका ढूंढ निकाला है जो काफी हद तक कामयाब साबित हो रहा है. कल्पना ठाकुर ने आज से नहीं, बल्कि 22 वर्ष पहले यह मुहिम शुरू की थी.
कौन हैं कल्पना ठाकुर
कल्पना ठाकुर मूल रूप से लाहौल स्पीति जिले के चौंखग गांव की रहने वाली है, लेकिन पिछले कई वर्षों से वो अपने परिवार के साथ मनाली में रहती हैं. कल्पना ठाकुर ने प्लास्टिक के कचरे को फिर से प्रयोग में लाकर इससे खूबसूरत कलाकृतियां तैयार की हैं. साथ ही वो इसके दोबारा उपयोग के बारे में लोगों को भी जागरूक कर रही हैं. कल्पना ठाकुर द्वारा चलाई जा रही इस मुहिम की हर कोई प्रंशसा कर रहा है.
कई संस्थाओं ने कल्पना को किया सम्मानित
कल्पना ठाकुर को उनके काम के लिए अब तक कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है. कल्पना ठाकुर ने न्यूज़ 18 हिमाचल से अपने विचार साझा करते हुए बताया कि वो लगभग 22 वर्ष से प्लास्टिक कचरे से कई तरह का सजावटी सामान बनाती आई हैं. उन्होंने बताया कि वो अपने आसपास पड़े प्लास्टिक के कचरे को इकट्ठा करती हैं. वो इनसे घर सजाने के लिए कई तरह की चीजें बनाती हैं.
मनाली में प्लास्टिक की थैलियों पर जब बैन लगा तब… कल्पना ने कहा कि वो पहले काफी प्लास्टिक का प्रयोग करती थी, लेकिन एक बार मनाली में प्लास्टिक से बने लिफाफों पर प्रतिबंध लग गया. इसके बाद मुझे ही नहीं सभी को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. उन्हें प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में जब पता लगा तो उन्होंने इसका प्रयोग कम करना आरंभ किया और पुराने प्लास्टिक के कचरे को ही दोबारा प्रयोग में लाकर कई तरह की कलाकृतियां बनानी शुरू की. उनकी इस पहल को लोगों ने काफी पंसद किया.
‘प्लास्टिक फेंकने से पहले एक बार पर्यावरण की चिंता जरूर करें’
उन्होंने कहा कि आज सरकार द्वारा भी सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान छेड़ा गया है, जो काफी सराहनीय है. कल्पना ठाकुर ने आम जनता से अपील की कि वो प्लास्टिक की चीजों का उपयोग कम से कम करें, और यदि करना भी पड़ रहा है तो उसे फेंकने से पहले एक बार पर्यावरण के स्वास्थ्य के बारे में जरूर सोचें.