धर्मांतरण कर प्रेम विवाह करने के मामले में बुधवार को युवक के अधिवक्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि सखी सेंटर में रखी गई युवती को प्रताड़ित किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने युवती का शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ मामले को सुनवाई के लिए आठ नवंबर को रखने का आदेश दिया है। धमतरी निवासी मोहम्मद इब्राहिम सिद्दिकी ने हिन्दू धर्म अपना कर व अपना नाम आर्यन आर्य रखकर धमतरी की हिन्दू युवती से प्रेम विवाह किया है। इस विवाह को शून्य घोषित करने युवती के पिता ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें युवती के मानसिक रोगी होने तथा उसका उपचार चलने की बात कही गई।
दूसरी ओर युवती द्वारा पति के साथ जाने की बात कहने पर कोर्ट ने युवती को शासन द्वारा संचालित सखी सेंटर में रखने का आदेश दिया है। मामले को सुनवाई के लिए बुधवार को चीफ जस्टिस की डीबी में रखा गया। इस दौरान उत्तरवादी युवक के अधिवक्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे प्रकरण में देर हो रही है।
दूसरी ओर युवती के पिता के कहने पर उसे सखी सेंटर में प्रताड़ित किया जा रहा है। यदि कोर्ट चाहे तो वार्डन द्वारा प्रताड़ित किए जाने की रिकार्डिंग पेश की जा सकती है। युवती को उसके पति के साथ जाने की अनुमति देने की मांग की गई।
पिता के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सखी सेंटर का संचालन शासन कर रहा है। वैसे भी मामला अंतिम सुनवाई के लिए लगा है। सुप्रीम कोर्ट में सात नवंबर को सुनवाई होनी है।
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा युवती को सुरक्षा प्रदान करना हमारा उद्देश्य व जिम्मेदारी है। यदि युवती को प्रताड़ित किया जा रहा है तो इस संबंध में वह कोर्ट में शपथ पत्र प्रस्तुत कर सकती है। इसके साथ कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए आठ नवंबर को रखने का आदेश दिया है।