शहर सीमा से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत कोलियारी स्थित है। यहां पर स्थित शिव मंदिर अपने आप में अनोखा है। मंदिर के पास में ही एक पीपल का वृक्ष है जिसमें 12 शाखाएं निकली हुई है। 12 शाखाओं को यहां के ग्रामीण 12 ज्योतिर्लिंग का प्रतीक मानकर विशेष पूजा करते हैं। शिव मंदिर का निर्माण आज से 25 साल पहले ही हुआ है, लेकिन मंदिर के पास लगे पीपल पेड़ की 12 शाखाओं का अपना आकर्षण है। इसके चलते इस मंदिर की रौनक भी बढ़ गई है।
धमतरी जिले में महानदी किनारे देवस्थल और रमणीय स्थल का अपना अलग आकर्षण है। महानदी से लगे ग्राम कोलियारी में स्थित शिव मंदिर के पास लगा पीपल का वृक्ष अपनी लोगों को ध्यान खींचता है। महानदी के दूसरे छोर पर स्थित ग्राम अछोटा को जोड़ने वाले पुल किनारे लगे इस पेड़ के प्रति लोगों की अगाध आस्था है। यूं तो पीपल का वृक्ष देव वृक्ष है इसके बावजूद पीपल पेड़ में निकली 12 शाखाओं के कारण यहां इस पेड़ को भी विशेष रूप से पूजा जाता है। शिव मंदिर में पूजा अर्चना करने के साथ-साथ इसकी भी पूजा करते हैं। मंदिर के पुजारी जगदीश प्रसाद निषाद ने बताया कि भगवान भोलेनाथ सभी की मनोकामना पूर्ण करते हैं। भक्तगण भगवान भोलेनाथ के साथ ही साथ इस पीपल
वृक्ष की पूजा समान रूप से करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां पर मेला भरता है, जहां गांव के अलावा शहर और दूरदराज गांवों से लोग काफी संख्या में दर्शन पूजन और मनोकामना लेकर यहां पहुंचते हैं। मंदिर समिति के आनंद साहू, सतीश साहू, विजय निषाद, नरेश सोनकर, यशवंत सोनकर, किशोर सूर्यवंशी, अतीश वाकडे ने बताया कि मंदिर को सजाने संवारने का कार्य जारी है। यहां पर लोग श्रृद्वा और भक्ति के साथ पहुंचते हैं। पेड़ किनारे भी सजावट और सुरक्षा की जाएगी। सरपंच पुनौति घोघरे, सरपंच प्रतिनिधि चंद्रोदय ने बताया कि पीपल की 12 शाखाएं भगवान शिव को समर्पित हैं।
इसके जीर्णोद्वार और सौंदर्यीकरण के लिए प्रयास जारी है। विप्र विदवत परिषद के पंडित राजकुमार तिवारी ने बताया कि मालूम हो कि ज्योतिर्लिग एक प्रकार से भगवान शिव् का मंदिर है। यूं तो पूरे भारत में अलग-अलग स्थानों पर 64 ज्योतिर्लिंग हैं, पर 12 ज्योतिर्लंिग विशेष हैं। इसके दर्शन-पूजन, अराधना से भक्तों के जन्म जन्मांतर के सारे पाप समाप्त हो जाते हैं। मालूम हो कि हमारे देश में प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंग हैं जिनमें-
1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
7. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
8. त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
11. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
12. घृष्णेश्वर मन्दिर ज्योतिर्लिंग शामिल हैं।