भारत ने अपने पड़ौसी देशों से घुसपैठ रोकने के लिए कई तरह के उपाय किए हैं जिनमें कांटो की बाड़ लगाने से लेकर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स तक बनाई। वहीं, पूर्वोत्तर भारत की समाओं पर बीएसएफ, असम राइफल्स, आईटीबीपी समेत कई तरह की सिक्योरिटी फोर्सेज तैनात है। इसके अलावा चीन जैसे बड़े देश से निपटने के लिए अमरीका से ली गई होवित्जर तोपें, फ्रांस से लाए जा रहे राफेल लड़ाकू विमान और रूस से ली गई एस400 मिसाइलें अरूणाचल प्रदेश समेत अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की सीमाओं पर लगाई जा रही है।
हालांकि विदेशी लोगों की अवैध घुसपैठ से केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश संयुक्त राज्य अमेरिका भी त्रस्त है। इस देश में दक्षिणी सीमाओं से बड़ी संख्या में घुसपैठ होती है। अमेरिका की दक्षिणी सीमा काफी लंबी जिसकी वजह से वहां पर तमाम अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस सेना लगाने के बावजूद घुसपैठ नहीं रूक रही। इसको लेकर वहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंफ दीवार बनवाने की कोशिश कर रहे हैं। वो मेक्सिको सीमा से होने वाले घुसपैठ को रोकने सीमा पर बनाई जानेवाली दीवार में करंट दौड़ाकर उसे चाक चौबंद कर करने के पक्ष में भी है। वहीं, उनका मानना है कि दीवार के ऊपर कांटेदार तार बिछाए जाएं, जिससे घुसपैठिया छलनी हो जाएं। इसके अलावा उस दीवार के साथ-साथ काफी चौड़ी खाई बनाई जाए, जिसमें पानी भरा हो और उसमें सांप या घड़ियाल छोड़े जाएं।
आपको बता दें कि मार्च में व्हाइट हाउस में सलाहकारों के साथ बैठक में ट्रंप ने अपने विचार रखे थे। हालांकि अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर बन रही स्टील की दीवार का काम तेजी से चल रहा है। सीमा पर फिलहाल 22 किलोमीटर की दीवार बन चुकी है। ट्रंप ने दीवार के बारे में बताते हुए कहा कि इसके निर्माण पर तीन अन्य देशों ने भी रिसर्च किया है। उन्होंने कहा कि दीवार गर्मी की तपिश को इस कदर खींच लेती है कि आप दीवार पर अंडा फ्राई कर सकते हैं।
इस दीवार के नीचे से किसी भी तरह की सुरंग से बचने के लिए जमीन के काफी अंदर तक क्रंकीट डाली गई है। अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर 1954 मील यानी 3600 किलोमीटर लंबा है, जो प्रशांत महासागर से मेक्सिको की खाड़ी तक फैला हुआ है। इसमें से 1200 मील टेक्सस में पड़ता है। इस दीवार पर 8 बिलियन डॉलर से 67 बिलियन डॉलर तक खर्च का अनुमान है। इस दीवार का मकसद अवैध प्रवासियों और नशीले पदार्थों को अमेरिका में आने से रोकना है। हालांकि उनकी इस दीवार पर सांप और मगरमच्छों से निगरानी कराए जाने वाली बात काफी चौंकाने वाली है।