छत्तीसगढ़ में क्षणिक अवेग में हत्याओं के आंकड़ों को लेकर सरकार और प्रमुख विपक्षी भाजपा के बीच सियासी घमासान तेज हो गया है। राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की कथित रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया जा रहा है कि क्षणिक आवेग में आकर की जाने वाली हत्याओं के मामले में छत्तीसगढ़ देशभर में पहले नंबर पर है। प्रदेश में वर्ष 2018 ऐसे 4036 मामले दर्ज हुए हैं। जगदलपुर का कोडेनार थाना क्षेत्र ऐसी करीब 125 घटनाएं हुई हैं जो प्रदेश में सर्वाधिक है। वहीं दूसरे नंबर पर बिलासपुर है, जहां 113 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ का जगदलपुर जिला नक्सल प्रभावित है।
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने पहले तो इन आंकड़ों पर ही सवला उठाया। उन्होंने कहा है कि मुझे नहीं लगता कि यह जो आंकड़े आए हैं, वह सही होंगे। उन्होंने आगे कहा कि हत्या के जो आंकड़े आए हैं, वह भाजपा शासन काल के हैं। हमारी सरकार आने के बाद शुरुआती पांच महीने में जितने अपराध हुए हैं उसके आंकड़े हमने विधानसभा दे दिए थे। इसके बाद फिर विधानसभा में यदि भाजपा सवाल उठाएंगी तो उनको भी सही जवाब दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस फोर्स अच्छे से काम कर रही है। चौबीसों घंटे रात दिन पुलिस फोर्स अपराधियों को धरपकड़ में लगी रहती है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि जब से सरकार आई है तब से अपराध की संख्या बढ़ गई है। कांग्रेस सरकार के नौ महीने के कार्यकाल में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। लॉकअप में हत्याएं हो रही है, कहीं ना कहीं इसमें पुलिस प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल उठता है। उन्होंने कहा कि बस्तर क्षेत्र में भी उग्रवाद नक्सलवाद की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, इसके पीछे के कारण कानून व्यवस्था का लचर रवैया है।