Home समाचार ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण, ज्यादा घातक बनाने की तैयारी...

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण, ज्यादा घातक बनाने की तैयारी में डीआरडीओ…

49
0

रक्षा विकास एवं अनुसंधान संगठन ने ओडिशा के चांदीपुर रेंज में आज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के जमीनी संस्करण का सफल परीक्षण किया। यह ऐसी क्रूज मिसाइल है जिसे थल, जल और हवा से दागा जा सकता है। इसकी मारक क्षमता अचूक है।

वर्तमान में चीन और पाकिस्तान के पास अभी तक ऐसी मिसाइल नहीं है जिसे जमीन, समुद्र और आसमान तीनों जगहों से दागा जा सके। वर्तमान में भारत और रूस इस मिसाइल की मारक दूरी बढ़ाने के साथ इसे हाइपरसोनिक गति पर उड़ाने पर भी काम कर रहे हैं।

आने वाले दिनों में भारत और रूस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की रेंज को 290 किलोमीटर से बढ़ाकर 600 किलोमीटर करने की दिशा में काम करेंगे। इससे न केवल पूरा पाकिस्तान इस मिसाइल की जद में होगा बल्कि कोई भी टारगेट पलभर में इस मिसाइल से तबाह किया जा सकेगा।

ब्रह्मोस कम दूरी की रैमजेट इंजन युक्त, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, लड़ाकू विमान से या जमीन से दागा जा सकता है। ब्रह्मोस मिसाइल को दिन अथवा रात तथा हर मौसम में दागा जा सकता है। इस मिसाइल की मारक क्षमता अचूक होती है।

रैमजेट इंजन की मदद से मिसाइल की क्षमता तीन गुना तक बढ़ाई जा सकती है। अगर किसी मिसाइल की क्षमता 100 किमी दूरी तक है तो उसे रैमजेट इंजन की मदद से 320 किमी तक किया जा सकता है। रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है।

ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है। इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की गति ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक है। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ध्वनि के वेग से करीब तीन गुना अधिक 2.8 मैक गति से लक्ष्य पर प्रहार करती है। इसके दागे जाने के बाद दुश्मन को संभलने का मौका भी नहीं मिलता है।

हवा से सतह पर मार करने में सक्षम 2.5 टन वजनी ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर है। इसके एयर लॉन्च वर्जन का परीक्षण लगातार चल रहा है। वायुसेना के सुखोई लड़ाकू विमान से इसके कई सफल फायर ट्रायल को आयोजित किया जा चुका है।