Home जानिए पीएम मोदी से ज्यादा देश के इन राज्यों के सीएम की सैलरी

पीएम मोदी से ज्यादा देश के इन राज्यों के सीएम की सैलरी

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लोकसभा में सांसदों का नेता होता है प्रधानमंत्री और किसी राज्य की विधानसभा में विधायक दल का नेता होता है मुख्यमंत्री यानी देश में जो हैसियत प्रधानमंत्री की होती है, वही एक राज्य में मुख्यमंत्री की होती है. लेकिन, आपको ताज्जुब होगा ये जानकर कि कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री भारत के प्रधानमंत्री से कहीं ज़्यादा वेतन (Salary) पाते हैं, जी हां! ढाई गुने से भी ज़्यादा तक. आइए जानें कि किन राज्यों में मुख्यमंत्रियों के वेतन के क्या आंकड़े हैं और इस वेतन की राशि के पीछे क्या कारण हैं.

प्रधानमंत्री की सैलरी में बार बार संशोधन होते रहे हैं और ताज़ा आंकड़ों के हिसाब से पीएम नरेंद्र मोदी की सैलरी 1 लाख 60 हज़ार रुपये प्रतिमाह है. लेकिन, कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सैलरी 4 लाख रुपये तक या उससे भी ज़्यादा है. पहले देश के विभिन्न राज्यों के सीएम की सैलरी जानें और फिर पढ़ें कि ये वेतन कैसे और किन प्रावधानों के तहत तय होता है.

सबसे ज़्यादा सैलरी तेलंगाना सीएम की
तेलंगाना राज्य के मुख्यमंत्री की सैलरी 4 लाख 10 हज़ार रुपये प्रतिमाह है. मुख्यमंत्रियों की सैलरी की लिस्ट में ये सबसे बड़ा आंकड़ा है. इसके बाद दिल्ली के सीएम का नंबर है, जिसकी सैलरी 3 लाख 90 हज़ार रुपये है. गुजरात के सीएम का वेतन 3.21 लाख रुपये प्रतिमाह है. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों का वेतन 3 लाख रुपये प्रतिमाह से ज़्यादा है. सीएम की सैलरी के लिहाज़ से इन राज्यों को टॉप 7 कहा जा सकता है.

2 लाख रुपये से ज़्यादा और तीन लाख रुपये प्रतिमाह से कम सैलरी पाने वाले मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, गोवा, बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों के सीएम शामिल हैं. सबसे कम सैलरी त्रिपुरा के सीएम को मिलती है, जो एक लाख पांच हज़ार पांच सौ रुपये प्रतिमाह है. सीएम की सैलरी जहां इससे ज़्यादा और दो लाख रुपये से कम है, उनमें ज़्यादातर उत्तर पूर्व के राज्य शामिल हैं. ओडिशा के सीएम का वेतन प्रधानमंत्री के वेतन के बराबर यानी 1.60 लाख रुपये है.

यह पूरी तरह से राज्य की व्यवस्था और राजस्व की स्थिति से जुड़ा मामला है. देश के संविधान के आर्टिकल 164 में यह विचार है कि मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है. राज्य की विधानसभा के निर्वाचित सदस्य विधायकों और विधायक दल के नेता के वेतन की राशि को लेकर निर्णय ले सकते हैं.

और क्या कहते हैं वेतन के ये आंकड़े
अव्वल तो ये कि उत्तर पूर्व के राज्यों की आमदनी या आर्थिक हालात कमज़ोर होने का इशारा मिलता है क्योंकि उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के वेतन की राशि सबसे कम है. दूसरी बात ये कि तेलंगाना, दिल्ली और उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जहां मुख्यमंत्रियों का वेतन राज्यपालों की तुलना में ज़्यादा है. यह इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि देश के प्रधानमंत्री की तुलना में राष्ट्रपति का वेतन ज़्यादा होता है. वर्तमान में देश के राष्ट्रपति का वेतन 5 लाख प्रतिमाह है और भत्ते अलग हैं.