- सत्तारूढ़ बीजेपी के पास वर्तमान में 106 विधायकों का समर्थन है
- सरकार के लिए बीजेपी को 6 और विधायकों की जरूरत होगी
- 21 अक्टूबर को होने वाले मतदान की गिनती 24 अक्टूबर को
कर्नाटक में उपचुनाव की घोषणा हो गई है. निर्वाचन आयोग ने यहां 21 अक्टूबर को चुनाव कराए जाने का ऐलान किया है. इससे कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के अयोग्य घोषित किए गए बागी विधायकों को सबसे बड़ा झटका लगा है. ये सभी विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं. इनकी योजना सुप्रीम कोर्ट जाने की है. ये सभी विधायक याचिका दाखिल करने वाले हैं कि उपचुनाव अभी नहीं कराए जाएं.
बता दें, यह उपचुनाव कर्नाटक में बीजेपी सरकार के लिए काफी अहम है क्योंकि इससे येदियुरप्पा सरकार के बहुमत का सीधा संबंध है. येदियुरप्पा को सरकार में बने रहने के लिए कम से कम 6 सीटें जीतनी होंगी. कर्नाटक में 15 बागी विधायक इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. बाद में ये सभी विधायक अयोग्य ठहराए गए थे (कुल 17 विधायकों को विधानसभा स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था). इन सीटों पर दोबारा चुनाव होगा. 21 अक्टूबर को होने वाले मतदान की गिनती 24 अक्टूबर को होगी.
कर्नाटक विधानसभा का समीकरण
कर्नाटक विधानसभा में कुल 225 सदस्य हैं. इनमें एक मनोनित सदस्य है. इसलिए सीटों का आंकड़ा 224 होता है. 17 विधायकों के अयोग्य करार दिए जाने के बाद 15 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हुआ है.
15 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतगणना के बाद कर्नाटक विधानसभा की ताकत 222 हो जाएगी. सत्तारूढ़ बीजेपी के पास वर्तमान में 106 विधायकों का समर्थन है, जिसमें निर्दलीय विधायक एच. नागेश भी शामिल हैं. कांग्रेस के पास 66 और जेडीएस के पास 34 विधायक हैं. बसपा के पास 1 और एक निर्दलीय विधायक भी है. हालांकि निर्दलीय का समर्थन बीजेपी के साथ है, इसलिए बीजेपी के पास 106 विधायकों का समर्थन है. इस दशा में बीजेपी को 6 और विधायकों की जरूरत होगी. लिहाजा उपचुनाव में जीत हार बीजेपी का भविष्य तय करेंगे.
इन सीटों पर उपचुनाव
चुनाव में शामिल होने वाले निर्वाचन क्षेत्रों में गोकक, अथानी, रानीबेनूर, कागवाड़, हिरेकर, येलापुर, यशवंतपुरा, विजयनगर, शिवाजीनगर, होसाकोट, हुनसुर, कृष्णराजपेट, महालक्ष्मी लेआउट, केआर पुरा और चिकबल्लापुरा शामिल हैं. चुनाव आयोग ने हालांकि आर.आर. नगर और मस्की विधानसभा क्षेत्र के लिए कोई चुनावी घोषणा नहीं की है.
बागी विधायकों ने अपनी अयोग्यता को समाप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था. वे फिर सुप्रीम कोर्ट जाने वाले हैं. इस बार उनकी मांग है कि फिलहाल कर्नाटक में उपचुनाव न कराए जाएं.