नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित को न्यायालय ने आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। फैसला के मुताबिक आरोपित मौत होने तक जेल में निरुद्ध रहेगा।
प्रकरण के मुताबिक प्रार्थिया ने सात जून 2016 को अंजोरा चौकी में इस आशय की रिपोट दर्ज कराई कि वह अपने नाना के घर बचपन से रहती है। इस दौरान उसके मौसा मनोज कुमार चंदने ने अपनी मां को उपचार के लिए दुर्ग सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। उसकी मां जल गई थी। पार्थिया के मुताबिक मौसा मनोज कुमार भी उसके नाना के घर में रूका था। मई 2013 की रात सब अस्पताल गए थे इस दौरान प्रार्थिया घर में अकेली थी। तब आरोपित मनोज ने उसके साथ गलत काम किया। उसे डराया कि घर वालों को मत बताना। बताओगी तो ठीक नहीं होगा। प्रार्थिया ने डर की वजह से किसी को नहीं बताया। जनवरी 2017 में प्रार्थिया अपने मौसा के गांव के मंडई देखने गई थी वहां भी रात के समय उसके मौसा ने गलत काम किया था। इसके बाद प्रार्थिया परिवार वालों के साथ गांव वापस आ गई। इसके कुछ दिन बाद प्रार्थिया को पता चला कि मनोज ने उसकी मामी के साथ भी छेड़छाड़ किया है। मामी के बताने पर प्रार्थिया को हिम्मत आई और उसने घटना की जानकारी अपने मामा को दी। मामले में पुलिस ने आरोपित मनोज चंदने के खिलाफ दुष्कर्म एवं पास्को एक्ट की धारा में अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। मामले में न्यायालय ने आरोपित मनोज कुमार चंदने को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। फैसले के मुताबिक आरोपित मृत्यु होने तक जेल में निरुद्ध रहेगा। आरोपित को दस हजार रुपये अर्थदंड से भी दण्डित किया गया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर आरोपित को एक माह अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।