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अगर आपका भी है इन बैंकों में खाता तो हो जाएं सावधान, बदलने जा रहे हैं ये छह नियम

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पंजाब नेशनल बैंक ( PNB ), यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया ( UBI ) और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ( OBC ) की विलय की गई इकाइयां एक अप्रैल 2020 से परिचालन में आएंगी। संभावना है की विलय की गई इकाइयों का एक नया नाम होगा। अब सवाल ये है कि आखिर विलय के बाद बैंक ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा।

क्या बदल जाएंगे अकाउंट नंबर?

विलय के बाद बैंक ग्राहकों को नया खाता नंबर और कस्टमर ID मिल सकता है। ऐसे में आपको ईमेल अड्रेस और मोबाइल नंबर बैंक के पास अपडेटेड रखना होगा। यदि खाता नंबर और कस्टमर ID में कोई भी बदलाव होगा, तो बैंक आपको सूचित करेगा।

पुरानी चेकबुक का क्या होगा?

विलय के कुछ समय बाद आपकी चेक बुक भी बदल सकती है। बैंकों के नाम बदलने से पुराने बैंक के नाम वाली चेकबुक निरस्त हो जाएगी और उसकी जगह पर नई चेकबुक जारी की जाएगी। हालांकि ऐसा करने के लिए ग्राहकों को कुछ वक्त दिया जाएगा।

क्या बैंक डिटेल्स अलग-अलग जगह पर अपडेट कराना होगी?विलय से प्रभावित होने वाले बैंक के ग्राहकों को अपने नए अकाउंट नंबर और IFSC की डिटेल्स इनकम टैक्स, इंश्योरंस कंपनी, म्यूचुअल फंड सहित सभी जगह पर अपडेट करना होंगी। एसआईपी और ईएमआई में भी ब्योरा अपडेट करना होगा।

क्या ब्रांच भी बदल जाएंगी?

विलय प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसमें शामिल बैंकों में से किसी एक बैंक की ब्रांच किसी इलाके में एक से ज्यादा पाई जाती हैं तो कुछ ब्रांच बंद हो सकती हैं। वहीं अगर बैंकों की एक शहर में आस-पास ब्रांच हैं तो उन्हें भी मर्ज किया जाएगा।

एफडी और आरडी पर क्या असर पड़ेगा?

बैंकों के एकीकरण का असर उनके द्वारा विभिन्न जमा योजनाओं पर दी जा रही ब्याज दर पर भी पड़ेगा। विलय से पहले के ग्राहकों की एफडी-आरडी ब्याज दरों पर तो फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन नए ग्राहकों के लिए ब्याज दरें एकीकरण के बाद बने बैंक वाली और एक जैसी होंगी।

क्या ऋण दरों में किसी तरह का बदलाव होगा?

ब्याज दरों की तरह ही पहले से चल रहे विभिन्न तरह के लोन जैसे होम लोन, व्हीकल लोन, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन और गोल्ड लोन की पुरानी दरों में कोई बदलाव नहीं होगा।