पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ एलओसी का दौरान किया है। इमरान का यह एलओसी दौरा ऐसे समय हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले एक माह से तनाव मौजूद है। पांच अगस्त को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला किया था और तब से ही पाकिस्तान भड़का हुआ है। भारत के फैसले के साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो अलग संघ शासित प्रदेश बन गए हैं। साथ ही जम्मू कश्मीर को मिला विशेष दर्जा भी खत्म हो चुका है।
पीओके पर कब्जे से डरे हैं इमरान
पीएम इमरान के साथ पाक रक्षा मंत्री परवेज खट्टाक, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और कश्मीर पर बनी विशेष समिति के चेयरमैन सैयद फखर इमाम भी थे। इमरान का यह दौरा पाकिस्तान के डिफेंस डे के मौके पर हुआ जो छह सितंबर को मनाया जाता है। इमरान को यहां पर एलओसी के हालातों के बारे में जानकारी दी गई। पाकिस्तान मिलिट्री की मीडिया विंग आईएसपीआर की तरफ से बताया गया है कि इमरान ने इस दौरान मृत जवानों और उनके परिवारवालों से भी बातचीत की। खान ने कुछ दिन पहले एलओसी का दौरा करने का फैसला किया था। उन्होंने कहा था कि अगर किसी ने भी पीओके पर कब्जा करने या हमला करने की कोशिश की तो फिर उनकी सेना किसी भी देश की सेनाओं को जवाब देने में पूरी तरह से सक्षम है।
पाकिस्तान ने भारत की ओर से जम्मू कश्मीर पर लिए गए फैसले को पूरी तरह से गैर-कानूनी करार दिया है। उसकी तरफ से लगातार युद्ध की धमकी वाले भड़काऊ बयान आ रहे हैं। पाक ने इस मसले पर यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) में भी अपील की थी। लेकिन यूएनएससी में उसकी एक नहीं सुनी गई और इस पूरे मसले पर पाक अलग-थलग पड़ गया है। सरकार की तरफ से पिछले दिनों राज्य में लगाए गए प्रतिबंधों में कुछ ढील भी दी गई है। कई जगह पर लैंडलाइन नेटवर्क शुरू हो गया है और कई जगह पर मोबाइल कनेक्शन भी चालू हो गए हैं।