बात कुछ साल 2011 की है। कौन बनेगा करोड़पति में पांच करोड़ का खिताब जीतने वाले सुशील कुमार जिन्हें पूरी दुनिया केबीसी विजेता के रूप में ही जानती है। लेकिन आज कल वह कुछ ऐसा काम कर रहे हैं जिससे वो आपका दिल भी जरूर जीत लेंगे और आपकी नजरों में उनकी पहचान भी बदल जाएगी।
इन दिनों सुशील कुमार पर्यावरण के मसलों पर काम करने में जुटे हुए हैं। बीते साल उन्होंने एक अभियान चलाया था। The Better India की एक खबर के अनुसार सुशील कुमार इन दिनों अपने इलाके में पौधे लगा रहे हैं। यह अभियान में सुशील कुमार ने बिहार के चंपारण में चलाया था। यहां पर उन्होंने करीब 70 हजार के करीब पौधे लगवाए हैं।
लगवाए चंपा के पौधे
दरअसल ऐसा बताया जाता है कि चंपारण का असली नाम चंपकारण्य है। यह नाम इसलिए हुआ क्योंकि यहां पर पहले वन में चंपा के पेड़ बहुत ज्यादा हुआ करते थे। अपने एक इंटरव्यू में सुशील ने कहा कि चंपारण का वासी होने के बाद भी मैंने दो-तीन साल तक यहां चंपा का कोई पेड़ नहीं देखा था।
यह बात मुझे बिल्कुल अच्छी नहीं लगती थी। इसलिए मेरे मन में यह ख्याल आया क्यों न चंपारण क्षेत्र को फिर से चंपा के पेड़ों से भरपूर बनाया जाए। इन्होंने ये अभियान पिछले साल विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर यानि 22अप्रैल 2018 के दिन शुरू किया था।
पीपल और बरगद का भी रखा जाए ध्यान
सुशील ने पहले चंपा से चंपारण अभियान चलाया। इसमें सफलता मिलने के बाद वो कहते कि आज चंपारण में शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां चंपा का पौधा ना हो। इसके बाद अब उन्होंने पीपल और बरगद के पेड़ को बचाने के लिए अभियान शुरू किया है। जिसे लोगों का पूरा सहयोग मिला।
काम कैसे करते हैं?
सुशील के साथ इस अभियान में फिलहाल काफी सारे लोग जुड़ चुके हैं। उनकी एक टीम इसको लेकर अगल-अलग इलाकों में काम करती हैं। वो पौधे लगाते हैं। फिर उसका विवरण रजिस्टर में लिख लेते हैं।
पौधारोपण के बाद वह हर महीने पौधे की हाजिरी भी लेते हैं ताकि यह पता चल जाए कि उन्होंने जो भी पौधा लगाया है वो कहीं सूख तो नहीं गया। अगर सूख भी गया या किसी पशु ने खा लिया तो उसके बदले नया पौधा लगाया जाता है। सुशील ने केबीसी में पांच करोड़ जीतने के साथ-साथ लोगों के दिल में भी अपनी एक खास पहचान बना ली हैं।