गुजरात में हर साल कच्छ शहर में भव्य रण महोत्सव का आयोजन होता है. कच्छ का मुख्य आकर्षण है रण में फैला सफेद नमक का रेगिस्तान, लेकिन ये भारी बारिश के चलते समुद्र में तब्दील हो चुका है. पानी में डूबे रेगिस्तान में समुद्र की तरह लहरें उठ रही हैं. हर साल बारिश का पानी सूख जाने के बाद ये नमक का रण बन जाता है, लेकिन दूर-दूर तक यहां रिहाइशी क्षेत्र ना होने की वजह से ये समुद्र जैसा दिख रहा है.
पिछले साल जहां कच्छ में बारिश ही नहीं हुई थी, वहीं इस साल कच्छ में काफी अच्छी बारिश दर्ज की गई है. बॉर्डर एरिया होने की वजह से यहां हमेशा पीने के पानी की काफी दिक्कत होती है, लेकिन इस साल हुई भारी बारिश की वजह से कच्छ के लोगों ने राहत की सांस ली है.
सफेद रण जो कि पूरा नमक का इलाका है, यहां रणोत्सव की शुरुआत गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2004 में की थी. हर साल यहां एक टेंट सिटी बनाई जाती है और यहीं पर आने वाले पर्यटक चांदनी रात में कच्छ के इस सफेद रण का लुत्फ उठाते हैं.
बता दें कि भारत के अलावा अन्य देशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. अपने कैमरे में रण उत्सव की यादें समेटते ये पर्यटक भारत की कला और संस्कृति की कुछ झलक अपने साथ ले जाने हर साल यहां आते हैं. हर साल तीन महीने तक चलने वाले इस महोत्सव में पूरे विश्व से आए हुए पर्यटकों का जमावड़ा लगता है.