अंग्रेजी में कहावत है ‘one apple keeps doctor away’ यानी रोजाना एक सेब खाने से डॉक्टर्स से दूरी बनी रहती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादा सेब खाने से भी शरीर को नुकसान पहुंच सकता हैं। यदि हम सेब का सेब का सेवन निर्धारित मात्रा में करेंगे तो इससे किसी तरह का नुकसान हमें झेलना नहीं पड़ता हैं। जो लोग सेब खाने के बहुत शौकीन हैं, उन्हें ये बात मालूम होना जरुरी है कि अधिक सेब खाने से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।हर समय सेब खाने से बचना चाहिए। इसे एक निश्चित समय में खाना ही सही होता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, सेब खाने का सबसे सही समय सुबह होता है। सबुह के समय 1 सेब खाना चाहिए।
सेब में पेक्टिन नामक आहार फाइबर (dietary Fibre) होती है, जो सेब के छिल्कों में पाया जाता है।यदि आप पाचन की समस्या से परेशान हैं, तो सुबह उठने के बाद सेब का सेवन करें। इससे पाचन प्रक्रिया स्वस्थ्य बनी रहेगी। मल त्यागने में भी परेशानी नहीं होगी। इससे आपका वजन भी जल्द कम होगा और त्वचा भी खिलेगी।सेब, कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों का एक बहुत अच्छा स्त्रोत है। ये कार्बोहाइड्रेट्स शरीर में उर्जा के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। शोध के अनुसार, एक मध्यम आकार के सेब में 25 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स और 5 ग्राम फाइबर होती है। हालांकि, यदि हम सेब का अत्यधिक सेवन करते हैं तो शरीर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है।
खाली पेट सेब खाने से शुगर की मात्रा में बढौतरी होती है। ऐसे में सेब खाने का सही समय है, खाने के बाद। बहुत ज्यादा सेब खाने से शरीर में फैट के साथ साथ रक्त में मौजूद शुगर भी बढ़ जाती है जो सेहत के लिए हानिकारक होती है। इसलिए सेब का एक निश्चित मात्रा में ही सेवन किया जाना चहिये।सेब में भरी मात्रा में फ्रुक्टोस पाया जाता है। यह एक प्रकार का शुगरी पदार्थ है। यह शरीर में जाकर एक सीरप बना लेता है। दिलचस्प बात यह है कि ग्लूकोस शरीर में जाकर रक्त में मिल जाता है लेकिन फ्रुक्टोस नही मिल पाता है और सिर्फ लीवर में ही रह जाता है। फ्रुक्टोसे के एकत्रित होने के कारण शरीर में ट्राईग्लिसराइड्स नामक एक फैट का उत्पादन करता है जो हार्ट की समस्याओं के लिए ज़िम्मेदार होते हैं।
अत्यधिक सेब का सेवन करने से शरीर में इनकी मात्रा बढ़ जाती है और इसलिए हार्ट से सम्बंधित बिमारियों का खतरा भी काफी हद्द तक बढ़ जाता है।कुछ लोगों को सेब खाने से एलर्जी भी हो जाती है। ऐसे लोग जिन्हें बेर, आड़ू, खुबानी, बादाम और स्ट्रॉबेरी होती है, उन्हें सेब से एलर्जी होने का खतरा बना रहता है। सेब का सेवन करने से पहले एक बार अपने चिकित्सक से परामर्श जरुर लें उसके बाद ही कोई निर्णय पर पहुंचें।ऐसा पाया गया है कि सेब तब तक ही फायदेमंद होता है जब तक उसके बीज का सेवन न किया जाये।
ऐसा इसलिए क्योंकि उसके बीज के अन्दर साइनाइड नामक पदार्थ पाया जाता है जो पाचन प्रक्रिया के दौरान शरीर में पहुंच जाता है। इसलिए सेब खाने से पहले इसके बीज निकलकर ही उसका सेवन करें। शोध के अनुसार, यदि हमें एक कप सेब के बीज का सेवन कर लिया तो उसमें साइनाइड की मात्रा इतनी ज्यादा होती है, हमारी मृत्यु भी हो सकती है।सेब बहुत ही लाभदायक फल माना जाता है लेकिन इसमें कैलोरीज और शुगर की मात्रा अत्यधिक होती है जिसके कारण इंसान का वज़न काफी हद्द तक बढ़ सकता है। एक दिन में एक या दो सेब बहुत होते हैं।सेब खाने का सबसे बड़ा नुकसान यही है कि यह हमारे दांत को नुकसान पहुंचाता है।
अम्लीय (एसिडिक) होने के कारण, सेब के सिरके को यदि बिना पानी के लिए जाए तो ये दांतों पर चढ़ी हुई परत को हटा देता क्योंकि वो इसके कारण घुल जाती है इसलिए हमेशा यह कहा जाता है कि इसको सिर्फ पानी में मिलाने के बाद ही प्रयोग करना चाहिए।इसके साथ ही इसको पीने के बाद मुंह को पानी से साफ़ कर लेना चाहिए ताकि कुछ सिरका दांतों में अटका न रह जाये।ज्यादा सेब खाने से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती है। ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रसित लोगों को सेब के सिरके का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे उनका पोटैशियम का स्तर और ज्यादा गिर जायेगा। इसके लिए ज़रूरी है कि वे या तो इसका सेवन पूरी तरह बंद कर दें या फिर कम मात्रा में लें।