हरदोई में सांडी कस्बे के मोहल्ला खिड़किया में नींव की खुदाई के दौरान 20 अगस्त को सोने-चांदी के जेवरात निकलने की चर्चाएं आखिरकार सही साबित हुईं। स्वॉट टीम ने गुरुवार को मोनू के घर से लगभग 25 लाख रुपये कीमत के सोने-चांदी के जेवर बरामद किए है। पुलिस अधीक्षक ने पुरातत्व विभाग लखनऊ को मामले की जानकारी दे दी है। जानकारी के मुताबिक सांडी कस्बे के मोहल्ला खिड़किया निवासी मोनू उर्फ उत्कर्ष पुत्र राजकुमार किराये पर वाहन चलवाते है। परिवार के बांकी लोग अलग रहते है। परिवार गुड़ और बतासा बनाने के पुस्तैनी कार्य करता है। गुरुवार को पत्रकारों से वार्ता के दौरान एसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि बीती 20 अगस्त को सांडी कस्बे के मोहल्ला खिड़कियां निवासी मोनू उर्फ उत्कर्ष पुत्र राजकुमार अपने पैतृक आवास के पिछले हिस्से में खंडहर हो चुके भवन में निर्माण कराने के लिए खुदाई करा रहा था।
इसी दौरान यहां 650 ग्राम सोने के जेवर, 4 किलो 538 ग्राम चांदी के जेवर और एक तीन किलो वजन का पीली धातु का लोटा भी निकला था। खुदाई में निकले इन जेवरों को लेकर चर्चा फैल गई थी, लेकिन मोनू ने कोई जेवर निकलने से इनकार किया था। इस मामले में एसपी आलोक प्रियदर्शी ने गोपनीय जांच शुरू कराई थी।
स्वॉट टीम के प्रभारी अरविंद यादव को उक्त मामले की विवेचना में लगा दिया था। स्वॉट टीम के प्रभारी ने सांडी के थानाध्यक्ष रामलखन के साथ मिलकर पूरे मामले की जांच की और तह तक जा पहुंचे। एसपी ने बताया कि मोनू उर्फ उत्कर्ष से मिली जानकारी पर गुरुवार को जेवरों की बरामदगी हुई है।
बरामद जेवरों की अनुमानित कीमत 25 लाख रुपये है। एसपी ने बताया कि पुराने आभूषण पुरातत्व विभाग के महत्व के होते हैं। मामला पुरातत्व से जुड़ा होने के कारण लोटे की जांच नहीं कराई गई है। मामले की जानकारी पुरातत्व विभाग लखनऊ को भी जानकारी दे दी गई है।
आखिर प्रधान के घर कैसे पहुंची चांदी…
पुलिस टीम ने सुरसा विकास खंड के एक ग्राम प्रधान के घर पर बुधवार दोपहर लगभग दो बजे पहुंची थी। पुलिस ने यहां से प्रधान को हिरासत में ले लिया था और सांडी ले गई थी। आम चर्चा यह है कि उक्त प्रधान के घर से पुलिस ने आठ किलो चांदी भी बरामद की है। हालांकि पुलिस ने जो कुल बरामदगी दिखाई है वह 4 किलो 538 ग्राम ही है।
ऐसे में माना जा रहा है कि स्वॉट टीम और सांडी पुलिस की टीम ने अपने अधिकारियों को भी हकीकत से अवगत नहीं कराया। खास बात यह है कि उक्त ग्राम प्रधान को पूरे मामले में कहीं पर भी आरोपी नहीं बनाया गया। और तो और प्रधान को सांडी थाने में ही रखा गया है। उक्त ग्राम प्रधान की भांजी सांडी में रहती है। पुलिस ने किसी को हिरासत में लेने से इनकार किया है।