भारत समेत दुनिया के तमात देशों में कैंसर तेजी से पांव पसार रहा है, लेकिन भारत में ये कुछ ज्यादा ही खतरनाक रूप अख्तियार कर रहा है। भारत में कैंसर की स्थिति को लेकर किए गए एक ताजा अध्ययन में बताया गया है कि यहां प्रत्येक 20 वर्ष में इस जानलेवा बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या दोगुनी हो रही है। जर्नल आफ ग्लोबल आन्कोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा, सबसे ज्यादा आबादी वाले आठ राज्यों में है। कैंसर की स्थिति पर ये अध्ययन कोलकाता स्थिति टाटा मेडिकल सेंटर के डिपार्टमेंट आफ डाइजेस्टिव डिजीस के मोहनदास के. मल्लाथ और लंदन स्थित किंग्स कॉलेज के शोधछात्र रॉबर्ट डी स्मिथ ने मिलकर किया है। कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और राजस्थान राज्य में है। इसकी वजह ये है कि ये राज्य महामारी के संक्रमण काल से गुजर रहे हैं।
सदियों पुरानी बीमारी है कैंसर
भारतीय आयुर्वेदों और पांडुलिपियों में भी कैंसर जैसी बीमारियों और उपचार का उल्लेख मिलता है। मतलब कैंसर सदियों पुरानी बीमारी है।
1910 में प्रकाशित हुआ था कैंसर का ब्योरा
वर्ष 1860 से 1910 के बीच इंडियन मेडिकल सर्विस के डॉक्टरों द्वारा पूरे भारत में कई आडिट्स किए गए और कैंसर संबंधी मामलों का ब्यौरा प्रकाशि किया गया था। 19वीं सदी में पश्चिमी दवाओं की स्वीकार्यता बढ़ने के बाद कैंसर की जांच शुरू हुई। 1917 से 1932 के बीच भी भारतीय डॉक्टरों द्वारा विभिन्न मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पैथोलॉजी रिपोर्ट और क्लीनिकल डाटा का अध्ययन किया गया, इसमें पता चला कि अधेड़ आयु व बुजुर्ग अवस्था में कैंसर से मौत के मामले सामान्य होते जा रहे हैं।
2040 तक दोगुने हो जाएंगे मामले
अध्ययन में बताया गया है कि वर्ष 2018 में कैंसर के 11.5 लाख मामले सामने आए थे और आशंका है कि 2040 में इनकी तादात दोगुनी हो जाएगी। इससे पहले 1999 से 2016 के बीच भी भारत में कैंसर का कुछ ऐसा ही ट्रेंड देखने को मिला था।
भारत में बढ़ते कैंसर के इतिहास
शुरूआत से 21वीं सदी तक शीर्षक में भारतीय शोधकर्ता मल्लाथ ने कहा है कि आयुर्वेद काल से कैंसर की बीमारी मौजूद है। साथ ही उन्होंने उस अवधारणा को भी खारिज किया है, जिसके अनुसार कैंसर पश्चिमी सभ्यता और आधुनिक जीवनशैली की देन है। अध्ययन में कैंसर के लिए इंसानों की बढ़ती औसत आयु को वजह बताया गया है। पहले भी कैंसर पर रिसर्च करने वालों ने बढ़ती उम्र को ही कैंसर की वजह मानी है।
ये हैं प्रमुख कैंसर
► लीवर कैंसर – इसकी प्रमुख वजह शराब का सेवन करना है। कई बार कैंसर शरीर के किसी और हिस्से से शुरू होकर लीवर तक पहुंच जाता है।
► प्रोस्टेट कैंसर – प्रोस्टेट कैंसर का पता शुरूआती दौर में नहीं चलता और न ही शुरुआती दौर में इसके कोई लक्ष्ण होते हैं। जब तक इसका पता चलता है, ये लाइलाज हो चुका होता है।
► कोलन कैंसर – इसे आंत का कैंसर भी कहते हैं। ये ज्यादातर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में होता है।
► ब्रेन ट्यूमर – दिमाग की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं।
► ब्लड कैंसर – खून में होने वाला ये कैंसर बहुत खतरनाक माना जाता है।
► फेफड़ों का कैंसर – धूम्रपान और प्रदूषित हवा के कारण होने वाला ये सबसे आम कैंसर है। बच्चों में इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है।
► पैंक्रियास का कैंसर – पेट के पीछे मौजूद पाचक ग्रंथि, जिसे अग्नाशय भी कहते हैं। ये हमारी पूरी पाचन प्रक्रिया को संतुलित करती है।
► ब्रेस्ट कैंसर – महिलाओं को स्तन कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है। बढ़ती उम्र के साथ ये खतरा और बढ़ता जाता है।