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क्या और कैसे काम करता है बेनामी संपत्ति का कानून ?

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बेनामी सपत्ति किसे कहते हैं ?

यह ऐसी संपत्ति जिसे किसी दूसरे के नाम से लिया जाये लेकिन इसकी कीमत का भुगतान कोई और व्यक्ति करे | कोई व्यक्ति अपने नाम का इस्तेमाल किसी अन्य व्यक्ति को किसी वस्तु , मकान, जमीन या अन्य कोई संपत्ति खरीदने के लिए करने देता है |

*इसके अलावा दूसरे नामों से बैंक खातों में फिक्स्ड डिपाजिट कराना भी बेनामी संपत्ति मानी जाती है |

आखिर बेनामदार किसे कहा जाता है ?

कुछ लोग अपने काले धन को ऐसी संपत्ति में निवेश करते हैं जो उनके खुद के नाम पर ना होकर किसी और के नाम होती है। ऐसे लोग संपत्ति अपने पत्नी-बच्चों, मित्रों, नौकर, या किसी अन्य परिचित के नाम पर खरीद लेते हैं l

किसे बेनामी संपत्ति नही माना जायेगा ?

यदि किसी ने पत्नी या बच्चों, भाई, बहन या अन्य रिश्तेदारों के नाम से संपत्ति खरीदी है और इसके लिए भुगतान आय के ज्ञात स्रोतों से किया गया है यानी इसका जिक्र आयकर रिटर्न में किया गया है तो इसे बेनामी संपत्ति नही माना जायेगा|

लेकिन अगर सरकार को किसी सम्पत्ति पर अंदेशा होता है तो वो उस संपत्ति के मालिक से पूछताछ कर सकती है और उसे नोटिस भेजकर उससे उस सम्पत्ति के सभी कागजात मांग सकती है जिसे मालिक को 90 दिनों के अंदर दिखाना होगा।

बेनामी सपत्ति कानून क्या है

भारत में बढ़ते काले धन की समस्या से निजात पाने के लिए सरकार ने नवम्बर 2016 में नोटबंदी लागू की थी | इसी दिशा में सरकार ने बेनामी सपत्ति कानून, 1988 में परिवर्तन किया है और 2016 में इसमें संशोधन किया गया तथा संशोधित कानून 01 नवम्बर, 2016 से लागू हो गया। संशोधित बिल में बेनामी संपत्‍तियों को जब्त करने और उन्हें सील करने का अधिकार है। संसद ने अगस्त 2016 में बेनामी सौदा निषेध क़ानून को पारित किया था; इसके प्रभाव में आने के बाद मौजूदा बेनामी सौदे (निषेध) कानून 1988 का नाम बदलकर बेनामी संपत्ति लेन-देन क़ानून 1988 कर दिया गया है|

नया कानून क्या कहता है ?

बेनामी लेन देन करने वालों पर अपीलीय ट्रिब्यूनल और सम्बंधित संस्था की तरफ से जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है | इस संशोधन के बाद उस संपत्ति को भी बेनामी माना जायेगा जो कि किसी फर्जी नाम से खरीदी गयी है | अगर संपत्ति के मालिक को ही पता नही हो कि संपत्ति का असली मालिक कौन है तो ऐसी संपत्ति को भी बेनामी संपत्ति माना जायेगा l

कम से कम कितनी सजा का प्रावधान है ?

नए कानून के अन्तर्गत बेनामी लेनदेन करने वाले को 3 से 7 साल की जेल और उस प्रॉपर्टी की बाजार कीमत पर 25% जुर्माने का प्रावधान है। अगर कोई बेनामी संपत्ति की गलत सूचना देता है तो उस पर प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य का 10% तक जुर्माना और 6 महीने से 5 साल तक की जेल का प्रावधान रखा गया है। इनके अलावा अगर कोई ये सिद्ध नहीं कर पाया की ये सम्पत्ति उसकी है तो सरकार द्वारा वह सम्पत्ति जब्त भी की जा सकती है।