अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद भारत-पाकिस्तान में बढ़े तनाव के समय अमेरिका (America) निर्मित आठ अपाचे एएच-64ई (Boeing AH-64 Apache) लड़ाकू हेलिकॉप्टरों को मंगलवार को पठानकोट एयरबेस (Pathankot Airbase) में आईएएफ (IAF) में शामिल किया जाएगा. भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. अपाचे एएच-64ई दुनिया का सबसे उन्नत बहु-भूमिका वाला लड़ाकू हेलिकॉप्टर है.वर्तमान में अमेरिकी सेना इसका इस्तेमाल कर रही है.
वायुसेना के बेड़े में अपाचे के 8 हेलिकॉप्टरों के शामिल होने से उसकी ताकत और संहारक हो जाएगी. पठानकोट एयरबेस में वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ की मौजूदगी में ये हेलिकॉप्टर वायुसेना में शामिल किए जाएंगे. भारत सरकार ने हथियार बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोइंग के साथ 4168 करोड़ रुपए में 22 अपाचे हेलिकॉप्टर खरीदने का सौदा किया था. 2020 तक भारत को सारे 22 अपाचे हेलिकॉप्टर मिल जाएंगे.
पठानकोट एयरबेस पर अपाचे हेलिकॉप्टर तैनात करना रणनीति का हिस्सा
पठानकोट एयरबेस पाकिस्तान सीमा से लगभग 30 किलोमीटर दूर है. अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारत-पाक के मध्य बढ़े हुए तनाव के कारण अपाचे को पठानकोट एयरबेस पर तैनात करना रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, इसलिए यह फैसला पठानकोट एयरबेस के रणनीतिक महत्व को देखते हुए लिया गया है. बताया जा रहा है कि अपाचे दुनिया के बहु-भूमिका वाले लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से एक है. विभिन्न संहारक क्षमताओं से लैस अपाचे एएच-64 ई हेलिकॉप्टर से चीनी सीमाओं को भी कवर करना पहले के मुकाबले आसान हो जाएगा. खास बात ये है कि विंग कमांडर अभिनंदन एक बार फिर अकेले उड़ान भरेंगे. पठानकोट में तैनात अपाचे के स्क्वाड्रन कमांडर ग्रुप कैप्टन एम शायलू होंगे.
एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन में आयोजित होने वाले इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे. वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ‘8 अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर आईएएफ में शामिल होने जा रहे हैं, जो वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएंगे.’ 4168 करोड़ रुपए के सौदे के करीब 4 साल बाद ‘हिंडन एयर बेस’ में भारतीय वायुसेना को अपाचे हेलीकॉप्टरों के पहले बैच की सप्लाई की गई थी. अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर लगभग 280 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भरता है. इसकी सबसे खास बात यह है कि बेहतरीन डिजाइन की वजह से इस हेलिकॉप्टर को रडार आसानी से पकड़ नहीं पाता है. यह हेलिकॉप्टर करीब पौने तीन घंटे (2 घंटा 45 मिनट) तक उड़ान भरने में सक्षम है. यह हेलिकॉप्टर जब दुश्मन पर हमला करता है तो उसका बचना मुश्किल होता है. इससे आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप से लेकर टैंक तक तबाह किए जा सकते हैं.
अपाचे एएच-64ई की ये हैं खासियतें
– इस विमान को अमेरिकी सेना में भी इस्तेमाल किया जाता है.
– अपाचे दुनिया भर में मल्टि रोल कांबेट हेलिकॉप्टर के रूप में जाना जाता है.
– अपाचे को इस तरह से बनाया गया है कि यह दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है.
– दुनिया भर में अब तक 2,100 अपाचे हेलिकॉप्टरों की सप्लाई की गई है.