उत्तर प्रदेश के ताजनगरी की दो दर्जन से अधिक युवतियां एक युवक के चंगुल में हैं। युवक का लिव यू नाम से एप है। उस पर अश्लील वीडियो चैट होती है। शनिवार को एक पीड़िता ने साहस दिखाकर यह शिकायत एसएसपी कार्यालय में की थी। एसएसपी की गैर मौजूदगी में डे ऑफीसर ने उसे सुना। प्रार्थना पत्र जांच को किधर भेजा यह किसी को पता नहीं।
पीड़िता जगदीशपुरा क्षेत्र की निवासी है। उसकी शिकायत बेहद गंभीर थी। उसने एक युवक पर ऐसा आरोप लगाया जिसने ताजनगरी में सनसनी फैला दी। अश्लील वीडियो कॉलिंग एप चल रहा है। दो दर्जन युवतियां चंगुल में हैं। उसे भी प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान दिलाने के नाम पर फंसाया था। पीड़िता ने आरोपित को चप्पलों से धुना था। उसका वीडियो भी वायरल हुआ। पीड़ित एसएसपी ऑफिस तक आई। इससे पहले उसने जगदीशपुरा थाने में कई चक्कर लगाए थे। वहां सुनवाई नहीं हुई। एसएसपी ऑफिस में भी शिकायत पर सुनवाई नहीं हो सकी।
रविवार की शाम पीड़िता से बात की गई। उसने बताया कि अभी तक किसी पुलिस कर्मी ने उससे संपर्क नहीं किया है। मामला साइबर क्राइम से संबंधित है। एसपी सिटी प्रशांत वर्मा से संपर्क किया गया। उन्होंने साइबर सेल में पता किया। वहां प्रार्थना पत्र नहीं पहुंचा था। बाद में एसपी सिटी ने बताया कि सीओ लोहामंडी चमन सिंह चावड़ा को जांच दी गई है। सीओ लोहामंडी चमन सिंह चावड़ा से संपर्क किया गया। उन्होंने इंस्पेक्टर जगदीशपुरा से पूछा प्रार्थना पत्र आया क्या। इंस्पेक्टर ने कहा कि कोई प्रार्थना पत्र नहीं आया। यह मामला एक युवती से संबंधित नहीं है।
आखिर कहां गए निर्देश
मथुरा के सुरीर थाने में पति-पत्नी ने खुद को आग लगाई थी। उस दिन भी आला अधिकारियों ने यह निर्देश दिए थे कि महिलाओं की शिकायतें गंभीरता से ली जाएं। इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ है। आगरा पुलिस के लिए हर शिकायत एक जैसी है।
जांच की फुर्सत तक नहीं
दो दर्जन से अधिक युवतियां जाल में फंसी हुई हैं। शिकायत गंभीर है मगर पुलिस के पास जांच की फुर्सत तक नहीं है। जिससे भी पीड़िता मिली उन्होंने तत्काल मामला साइबर सेल में भेजना उचित नहीं समझा।