तिरुपति वेंकटेश्वर के मंदिर में भगवान विष्णु के अवतार तिरुपति बाला जी का निवास है। यहां 18,000 से ज्यादा लोग काम करते हैं, जो वहां की साफ-सफाई और उस क्षेत्र में ट्रैफिक का काम संभालते हैं। यहां भक्त भगवान तिरुपति वेंकटेश्वर को अपने बाल चढ़ावे के तौर पर अर्पण करते हैं।
तिरुपति के वेंकटेश्वर मंदिर को कौन नहीं जानता। इस मंदिर से जुड़ी आस्था, प्यार और रहस्य की वजह से लाखों लोगों की भीड़ यहां खिची चली आती है। आंध्र प्रदेश में वेंकटेश्वर मंदिर को दान करने से पहले, अमेरिकी व्यापारियों ने नाम न छापने की शर्त रखी। इन व्यवसायियों ने आंध्र प्रदेश में वेंकटेश्वर मंदिर को दान करने से पहले एक शर्त रखी। उन्होंने शर्त रखी कि किसी को भी यह जानकारी नहीं दी जानी चाहिए कि दान किसने किया।
वेंकटेश्वर मंदिर के एक सदस्य के अनुसार, दानकर्ता ने अपनी पहचान छुपाने की शर्त पर यह दान किया था। व्यवसायियों ने देवी श्री व्रत लक्ष्मी व्रत पर्व के लिए १४ करोड़ रुपये दान किए हैं।
मंदिर में दर्शन करने वाले दोनों व्यवसायी अपने परिवार के साथ यहां आए। दोनों परिवारों ने मंदिर में पूजा करने के बाद, मंदिर के प्रशासक तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के विशेष अधिकारी को 14 करोड़ रुपये का डिमांड ड्राफ्ट सौंपा।
माना जाता है कि पिछले साल उन्होंने 13.5 करोड़ रुपये का दान दिया था।रुपति के दान पात्र में लोग शादी का कार्ड, सोना, चेक, पैसे, हीरे आदि चढ़ाते हैं। इस दान पात्र में भक्त ओम, भगवान वेंकटेशवर, गोविंद के नाम से यदि चेक डालते हैं
तो बिना किसी सवाल के उसे ले लिया जाता है और बिना किसी परेशानी के वह इनकैश भी हो जाता है। तिरुपति से तिरूमाला के लिए जाने वाली सड़क को रात 12 बजे से सुबह 3 बजे तक बंद रखा जाता है। इस दौरान कोई भी गाड़ी इस सड़क पर आ या जा नहीं सकती।