आमतौर पर लोग घरों में मछली कछुआ पालते हैं क्योंकि लोगों का मानना है कि यदि वो सुबह—सुबह जब इनके दर्शन करते हैं तो उनको पूरा दिन अच्छा निकलता है । लेकिन शहर के करीब 364 साल पुराने एक तालाब में शहंशाह नाम का कछुआ मिला तो उसको देखने के लिए लोगों की भीड लग गई । हालांकि, यह कछुआ बड़ी मिन्नत के बाद ही दिखाई देता है । बताया जा रहा है कि, पनकी थाना क्षेत्र के भाटिया तिराहे के पास पनकी हनुमान मंदिर रोड़ पर बांईं ओर आपको एक बोर्ड दिखायी देगा, बोर्ड पर लिखा है, श्री नागेश्वर मंदिर एवं कछुआ तालाब, जिस पर 355 साल से लेकर 100 साल तक के कछुओं का आशियाना है ।
जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि, तालाब की लंबाई और चौड़ाई करीब 70 फुट है और वह पूरा कच्चा है । जब हम लोग वहां पहुंचे तो तालाब के मटमैले पानी में कछुए नहीं दिखाई दिए, पानी एकदम शांत था इस बीच स्थानीय निवासी अजय निगम ने तालाब की सीढि़यों पर पनीर के छोटे-छोटे टुकड़े बिखेर कर कछुओं को आवाज लगाने लगे, जिसके बाद करीब 20 मिनट आवाज देने के बाद में कछुआ सतह पर आ गया और लोगों ने उसके दर्शन किए । आपको बता दें कि दर्शन करते समय कुछए ने पेट भर कर पनीर खाया ।
जब कछुए पनीर खाकर वापस जाने लगे तो लोगों को लगा कि आज शहंशाह के दर्शन नहीं हो पाएगें इसी बीच गोविन्दपुर निवासी सुभाष ने ब्रेड का पैकेट फाडा और तेजी आवाज में शहंशाह को पुकारने लगा आवाज़ सुनकर कीचड़ से सना शहंशाह सीढि़यों के पास आया और लोगों ने उसे खूब पनीर खिलाया । बताया जा रहा है कि यहां के लोग कोई शुभ कार्य से पहले लोग इस कछएं के दर्शन करते हैं ।