(Chhattisgarh) के धमतरी (Dhamtari) के नगर पंचायत क्षेत्र नगरी में मुक्तिधाम (Muktidham) में भ्रष्ट प्रेत आत्मा का साया होने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि इसके चलते ही मुक्तिधाम का काम राजनीति, विवाद और खींचतान के झंझट से मुक्त नहीं हो पा रहा है. चार साल से लटके इस काम के लिये प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से भी सीधी मदद मिल चुकी थी, लेकिन काम नहीं हो पाने के कारण अब वो भी वापास ले ली गई. इस समस्या का खामियाजा आज पूरा नगरी नगर पंचायत भुगत रहा है. मुक्तिधाम को लेकर आंदोलन कर रहे सनी छाजेड़ का कहना है कि धमतरी (Dhamtari) के नगरी का मुक्तिधाम का निर्माण कार्य राजनीति की भ्रष्ट प्रेतात्मा के चंगुल में फंसा हुआ है. मुक्तिधाम के निर्माण का जिम्मा नगर पंचायत के जिम्मे है. इसके लिये एक बार राशि स्वीकृत भी हुई. भूमिपूजन भी हुआ और निर्माण भी हुआ, लेकिन घटिया निर्माण के कारण पूरी दीवार ही ढह गई. मुख्य गेट दरकने लगा. फिर इस पर सियासत भी शुरू हो गई. बस यही सियासत नगरी नगर पंचायत के पक्ष विपक्ष के खींचतान का मुद्दा बना हुआ है.
पीएमओ से मिली थी मदद
बीजेपी नेता कुमार नायर का कहना है कि लोगों के पत्र लिखने पर देश के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से साल 2017 में 28 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी भेजी गई थी, लेकिन यहां के जनप्रतिनिधियों के आपसी खींचतान के कारण काम शुरू नहीं हो सका और राशि वापस ले ली गई.
स्थानीय लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधि और प्रशासन की लापरवाही के कारण जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार करने में परेशानी होती है. नगर पंचायत अध्यक्ष नंद यादव का कहना है कि मुक्तिधाम के संधारण कराने की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए उचित कार्यवाही की जाएगी.