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सरसों तेल का इस्तेमाल करना इन 3 बीमारियों में है जहर के समान, जरूर जाने

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सरसों तेल का इस्तेमाल करना इन 3 बीमारियों में है जहर के समान, जरूर जाने :– दैनिक जीवन में सरसों के तेल का प्रयोग प्रायः किया जाता है। सब्जी के साथ ही सरसों के तेल को बालों में लगाने, शरीर में मालिश करने में भी काम में लाया जाता है। सरसों के तेल में ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिसमे कि एन्टी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं इसलिए सरसों के तेल से जोड़ों की मालिश करने से जोड़ों का दर्द कम हो जाता है। इसके फायदे तो हैं लेकिन नुकसान भी कम नहीं है, तो आइये जानते हैं।

सरसों के तेल का ज्यादा सेवन राइनाइटिस का कारण बन सकता है। नाक में होने वाली एलर्जी को एलर्जिक राइनाइटिस कहते हैं। यानी बहती नाक, बंद नाक और सिरदर्द आदि इसके लक्षण होते हैं।

सरसों के तेल में एलील आइसोथियोसाइनेट नामक एक और हानिकारक रसायन पाया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप फेफड़ों, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट, आंतों आदि की लिनिंग की सूजन हो सकती है, अगर किसी को अल्सर, फैटी लिवर की समस्या है तो अपना तेल आज ही बदल दें।

जिनका कोलेस्ट्रॉल हाई रहता है और हार्ट की समस्या है उनको सरसों तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, ये तेल ऐसे लोगों के लिए किसी जहर से कम नहीं है। क्योंकि इसमें 42% इरुसिक एसिड होता है, यह हृदय की मांसपेशियों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाता है और कभी कभी इससे हृदय घात भी हो जाता है।

अगर आप सरसो तेल का इस्तेमाल करते हैं तो बेहिचक करें लेकिन लगातार बिलकुल भी नहीं अन्य तेलों को भी बदल-बदल इस्तेमाल करें कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होंगे।