भारतीय संस्कृति में नीम का पूजा और घरेलू उपयोग दोनों से गहरा नाता है। आज भी दांत साफ करने के लिए दातून के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। त्वचा से जुड़ी बीमारी जैसे चेचक आदि के पारंपरिक इलाज के लिए पानी में नीम की पत्तियां डालकर इस्तेमाल किया जाता है।
आध्यात्मिक मोर्चे पर नीम के फूल और माला पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ देवताओं को अर्पित किए जाते हैं। नीम को देवी-देवताओं को रूप भी माना जाता है। भारत के कुछ हिस्सों में पेड़ को देवी, नीमरी देवी माना जाता है। नीम के फूल और पत्तियों का इस्तेमाल बुरी आत्माओं को भगाने के लिए भी किया जाता है। वाकई में नीम की उत्पत्ति भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ी है।
नीमः हमारी जीवंत परंपरा
भारतीयों को जीवंत परंपरा का आशीर्वाद प्राप्त है जो हमारे आसपास से प्रकृति की सबसे अच्छी चीज़ों का निचोड़ देती है।यहां तक कि प्राचीन आयुर्वेदिक विज्ञान, जो कि चारों वेदों से प्रेरित है,उसमें भी नीम को अनेक रूपों में 75% आर्युवेदिक दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। बृहत संहिता, जिसे भारतीय संस्कृति का विश्वकोष (इनसाइक्लोपीडिया) कहा जाता है, उसमें भी दवाओं के रूप में नीम के इस्तेमाल की सलाह दी गई है।
कुछ रिकॉर्ड्स के मुताबिक, नीम का तेल शायद सबसे पुराना ज्ञात औषधीय तेल है।
नीम का पेड़ बाकियों से अलग क्यों है?
यहां थोड़ा-सा सामान्य ज्ञान: क्या आपको पता है कि नीम के पेड़ को इंडियन लाइलक भी कहा जाता है? नीम, सबसे पहले ज्ञात पेड़ों में से एक है जिसे ‘सर्व रोग निवारिणी‘ यानि ‘सभी बीमारियों का इलाज करने वाला’ कहा जाता है। स्वस्थ रहने के लिए रोज़ाना नीम की छाल, तेल, पत्ते और फूल सभी का इस्तेमाल किया जा सकता है। पारंपरिक रूप से नीम को अक्सर कुदरती दवा की दुकान भी कहा गया है।
चलिए नीम के तेल के बारे में बात करते हैं। हालांकि नीम के तेल की महक बाकी तेलों के मुकाबले थोड़ी तेज़ होती है, लेकिन इसके गुण किसी से कम नहीं। अनेक गुणों के कारण ही नीम के तेल का इस्तेमाल स्किनकेयर उत्पाद से लेकर मच्छर भगाने वाले उत्पादों तक में किया जाता है।
नीम के तेल में फैटी एसिड और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं, साथ ही त्वचा के लिए फायदेमंद तत्व भी होते है जैसे:
- विटामिन ई
- ट्राइग्लिसराइड्स
- कैल्शियम
- एंटीऑक्सीडेंट
उपयुक्त तत्वों के कारण ही नीम न सिर्फ त्वचा के कॉस्मेटिक उपचार, बल्कि गंभीर त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे एग्ज़ेमा और सोरायसिस के इलाज में भी मददगार है। नीम एंटी फंगल, एंटी डायबिटिक, एंटी बैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंथेलमिन्टिक, गर्भनिरोधक और शामक गुणों के साथ संक्रमण ठीक करने के लिए जाना जाता है।
शोध के मुताबिक, नीम का तेल सर्जरी के बाद खोपड़ी के घाव जल्दी भरने में मदद करता है। लंबे समय तक इस्तेमाल से मुंहासों की समस्या से भी निजात मिलती है।
नीम से आप और क्या कर सकते हैं?
नीम का तेल कीटों को दूर हटाने का काम करता है। इसीलिए अब भी घरों के आसपास नीम का पेड़ लगाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ये ताज़ी और ठंडी हवा देने के साथ कीटों को भी भगाता है।पहले और आज भी महिलाओं के रोज़ाना इस्तेमाल के सौंदर्य प्रसाधनों को बनाने में नीम इस्तेमाल किया जाता रहा है, जैसे हमाम।