आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम को सीबीआई ने
बुधवार देर रात गिरफ्तार कर लिया, 31 घंटे के हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद
दिल्ली में सीबीआई ने चिदंबरम को उनके जोरबाग स्थित घर से गिरफ्तार किया।
कई घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई की टीम अब चिदंबरम को लेकर कोर्ट पहुंची
है। चूंकि, चिंदबरम फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं, लिहाजा गिरफ्तार करने के 24
घंटे के भीतर उनकी कोर्ट में पेशी होनी थी। चिदंबरम
कोर्ट में हुई चिदंबरम की पेशी
पी.
चिदंबरम 7 बार लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं, जबकि वे फिलहाल राज्यसभा के
सांसद हैं। नियमों के मुताबिक, किसी राज्यसभा के सदस्य की गिरफ्तारी या फिर
उसको सजा सुनाए जाने की स्थिति में तुरंत राज्यसभा के सभापति को इसके बारे
में सूचित किया जाना होता है।
चिदंबरम को गिरफ्तार किए जाने के बाद से सुप्रीम कोर्ट
में अग्रिम जमानत की याचिका अब निरर्थक हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार
को बार-बार मेंशनिंग के बावजूद मामले की जल्द लिस्टिंग से इनकार कर दिया
था। हाईकोर्ट ने पहले ही अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद
सीबीआई ने देर रात चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया था।
चिदंबरम
पहले जमानत की अर्जी देनी होगी
अब
चिदंबरम के वकीलों को पहले जमानत की अर्जी देनी होगी। जमानत की अर्जी सबसे
पहले मजिस्ट्रेट के सामने दी जाएगी, अगर वहां से अर्जी खारिज होती है तो
ऐसी स्थिति में दिल्ली हाईकोर्ट का रूख किया जाएगा। वहां से भी अर्जी खारिज
होती है तो जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है। वहीं, अगर
जमानत दी जाती है तो सीबीआई इस आदेश को चुनौती दे सकती है।
अग्रिम जमानत की याचिका
गिरफ्तारी के बाद निरर्थक हो जाएगी अग्रिम जमानत की याचिका
आनन्द
एंड आनन्द लॉ फर्म के वकील अचुतन श्रीकुमार कहते हैं, ‘एक बार गिरफ्तार
होने के बाद जमानत मिलने की संभावना अग्रिम जमानत पाने की तुलना में अधिक
होती है। जमानत के लिए विरोधी पक्ष को यह दिखाने के लिए मजबूत सबूत देने की
जरूरत है कि अभियुक्त व्यक्ति सहयोग कर रहा है या नहीं। आरोपी व्यक्ति को
जमानत ना देने के खिलाफ न्यायालय में अपील करने का अधिकार है।’ बता दें कि
दिल्ली हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी चिदंबरम को अंतरिम राहत नहीं
मिली थी और बुधवार को सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया केस में गिरफ्तार कर लिया
था।