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Chipsona से ‘सोना’ बनेगा अमेठी का आलू, सलोन में स्थापित होगा आलू बीज अनुसंधान केंद्र

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आलू किसानों के लिए स्मृति ने तैयार किया खाका कृषि मंत्री को लिखा खत। सलोन में स्थापित होगा आलू बीज अनुसंधान केंद्र।

अमेठी संसदीय क्षेत्र के सलोन विधान सभा क्षेत्र के आलू किसानों के लिए अच्छी खबर है। केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति ईरानी की पहल पर जल्द ही आलू किसानों की आय बढ़ाने के लिए यहां आलू बीच अनुसंधान केंद्र की स्थापना होगी। साथ ही सलोन क्षेत्र के आलू उत्पादक किसानों को चिप्स बनाने वाले आलू चिप्सोना के बीज का वितरण भी शुरू होगा और चिप्सोना आलू की बीज से किसान अच्छी उपज प्राप्त करें। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाएगा। इसके साथ ही यहां के किसानों की बेहतरी के लिए विधान सभा क्षेत्र में ही मृदा परीक्षण प्रयोगशाला या उसकी शाखा की स्थापना का कार्य भी जल्द शुरू होगा। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इसके लिए पंचायती राज, ग्रामीण विकास एवं कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा है।

अमेठी-रायबरेली के आलू किसानों को मिलेगा फायदा

स्मृति ने आलू की खेती करने वाले किसानों को मालामाल करने का खाका तैयार किया है। योजना के तहत यहां आलू से चिप्स बनाने वाली प्रजाति चिप्सोना विकसित की जाएगी। जिसको नामी चिप्स कंपनियां खुद यहां आकर खरीदेंगी।

दो लाख किसान होंगे लाभांवित

उद्यान विभाग की माने तो अमेठी-रायबरेली में लगभग सात हजार हेक्टेयर में आलू की खेती होती है और लगभग दो लाख से अधिक किसान आलू की खेती से जुड़े हैं। जबकि सलोन की पहचान प्रदेश के नामी आलू बेल्ट के रूप में है।

चिप्सोना से बनती है चिप्स

अब तक यहां के किसान कुफरी बादशाह अथवा कुफरी लालिमा प्रजाति की आलू की खेती कर रहे हैं। जबकि चिप्स बनाने के लिए चिप्सोना प्रजाति की आलू ही कारगर होती है। उपलब्धता कम होने के चलते इसका बीज आसानी से नहीं मिल पाता।

किसानों को लेकर फिक्रमंद स्मृति

स्मृति ने डेढ़ साल पहले वह जनवरी 2018 में अमेठी के प्रतिनिधि मंडल के साथ तत्कालिन कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से मुलाकात की और योजना को लेकर खाका तैयार किया था।

हर किसान को मिलेगा लाभ

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पीआरओ विजय गुप्ता ने बताया कि ”दीदी स्मृति अमेठी के विकास के लिए शुरू से ही प्रतिबद्ध हैं। वह चाहती हैं कि यहां कि किसानों का भी जीवन स्तर सुधरे। इसके लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। जल्द ही कृषि मंत्रालय की टीम द्वारा सर्वे कर योजना को अमलीजामा पहनाने की दिशा में काम किया जाएगा।