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देश के लिए गोला-बारूद बनाने वाले सभी आयुध कारखानों में हड़ताल, एक महीने तक नहीं होगा कामकाज

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भारतीय सशस्त्र बलों के लिए हथियार और गोला-बारूद बनाने वाले इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज के करीब 83,000 कर्मचारी मंगलवार से हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के फैक्ट्रियों के निगमीकरण का प्रस्ताव पास करने के विरोध में यह कदम उठाया। इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज संगठन के तहत 41 आयुध कारखाने आते हैं और इनका मुख्यालय ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड के नाम से कोलकाता में है। इसका रक्षा उत्पादन में 200 साल से ज्यादा का अनुभव है। 

इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज के हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि सरकार एक तरफ जहां सेना को ताकतवर बनाने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ सुरक्षा संस्थानों के निजीकरण का षडयंत्र रच रही है। हड़ताली कर्मचारियों के मुताबिक सरकार का यह निर्णय देश की सुरक्षा के लिए घातक साबित होगा। 

वहीं रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “ओएफबी के निजीकरण को लेकर अफवाहें फैलायी जा रही हैं। ये भ्रामक हैं और इनका मकसद कर्मचारियों को गुमराह करना है।” 

ओएफबी के कर्मचारियों ने 20 अगस्त से हड़ताल पर जाने का नोटिस दिया था। जिसके बाद रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति ने ओएफबी अध्यक्ष समेत विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों से शुक्रवार को मुलाकात कर चर्चा की थी। इस बैठक में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। 

एक बयान में कहा गया कि समिति ने कर्मचारी संगठनों को बताया कि ओएफबी के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है। जिस प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही है वह इसे रक्षा क्षेत्र का सार्वजनिक उपक्रम (डीपीएसयू) बनाने का है, जो 100 फीसद सरकारी स्वामित्व वाला होगा।