कुछ सोशल मीडिया यूजर्स पिघली हुई गाड़ियों और ट्रैफिक लाइट की तस्वीरें इस दावे के साथ शेयर कर रहे हैं कि इसकी वजह सऊदी अरब और कुवैत में पड़ रही भीषण गर्मी है। एक ट्विटर यूजर ने पिघली हुई ट्रैफिक लाइट की तस्वीरें शेयर करते हुए साथ में लिखा कि कुवैत में तापमान 63 डिग्री सेल्सियस और सऊदी अरब में 55 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
एक अन्य यूजर ने क्षतिग्रस्त गाड़ियों का फोटो शेयर करते हुए लिखा, ’62 डिग्री तापमान और पेड़-पौधे लगाने में कमी की वजह से कुवैत और सऊदी अरब में यह हो रहा है।’ यह सच है कि सऊदी अरब और कुवैत में तापमान ने ऊंची छलांग लगाई है।
गल्फ न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 8 जून 2019 को कुवैत में तापमान 52.2 डिग्री सेल्सिस पहुंच गया था और सीधे सूरज की रौशनी के नीचे यह तापमान 63 डिग्री सेल्सियस था। हालांकि, अभी तक इस दावे की पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी अरब में तापनान दोपहर का तापमान 55 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। हालांकि, इसकी भी पुष्टि नहीं हुई है।
हालांकि अलग-अलग न्यूज रिपोर्ट्स की माने तो, मौसम विज्ञानियों ने इस साल जुलाई में कुवैत का पारा 68 डिग्री तक जाने का पूर्वानुमान पेश किया है।
क्या है हकीकत
गूगल पर कुछ कीवर्ड्स और रिवर्स-इमेज सर्च के इस्तेमाल से हमें दोनों तस्वीरों का सच पता लगा। फैक्ट चेक पोर्टल Snopes की अगस्त, 2017 में की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रैफिक लाइटें एक गाड़ी में आग लगने के बाद पिघली थीं। यह मामला साल 2013 का है।
इतना ही नहीं, यह तस्वीर साल 2014 से ही फर्जी दावे के संग शेयर हो रही है।
दूसरी तस्वीर Snopes ने ही साल 2018 में एक और रिपोर्ट के जरिए कुवैत और सऊदी अरब में भीषण गर्मी की वजह से गाड़ी पिघलने के दावे का भांडाफोड़ किया था। ऐरिजोना में पास के एक कंस्ट्रक्शन साइट पर आग की वजह से ये गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई थीं। पिघली हुई गाड़ियों और ट्रैफिक लाइट की तस्वीरें पुरानी हैं और इनका सऊदी अरब-कुवैत में पड़ रही गर्मी से कोई संबंध नहीं।