पूर्वोत्तर हिंदुस्तानी सम्मेलन ने असम सरकार द्वारा हिंदीभाषियों के विरूद्ध पक्षपातमूलक नीति अपनाते हुए सरकारी नौकरियों में हिंदीभाषियों को वंचित किए जाने की सोची-समझी साजिश का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि सरकार भाषा के नाम पर समाज में विष-वमन करने के कुकृत्य से विरत रहे। सम्मेलन में एसपी राय ने एक बयान में कहा कि हाल ही में असम पोस्टल सर्किल के तहत 919 ग्रामीण डाक सेवक पद पर नियुक्ति हेतु प्रतियोगितामूलक परीक्षा के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया है।
इस प्रतियोगिता मूलक परीक्षा में योग्यता के तौर पर मैट्रिक की परीक्षा में स्थानीय भाषा के रूप में असमिया, बांग्ला यो बोड़ो भाषा को अावश्यक कर दिया गया है। एेसे में असम के हिंदीभाषी अभ्यार्थी आवेदन करने में स्वतः आयोग्य हो जाएंगे। हिंदीभाषी अभ्यार्थी के पास काबिलियत होने के बावजूद वे सिर्फ इसलिए अयोग्य हो जाएंगे क्योंकि उनकी मातृभाषा हिंदी है।