बारिश के मौसम में बैक्टीरियल इन्फेक्शन (Bacterial Infection) का खतरा बढ़ जाने से वायरल बुखार (Viral Fever) का रिस्क काफी रहता है. इसके साथ ही खांसी (Cough), जुकाम (Cold), शरीर में दर्द और ऐंठन जैसी कई तकलीफें भी होती हैं. इस बुखार में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है जिस वजह से बैक्टीरिया और वायरस काफी तेजी से बॉडी पर अटैक कर सकते हैं. आइए जानते हैं इस बुखार के लक्षण और कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे जिन्हें अपनाकर आप इस बुखार से बच सकते हैं…
इस बुखार के लक्षण
वायरल होने से शरीर में कुछ खास लक्षण दिखते हैं, जैसे गले में दर्द, खांसी, सिर दर्द, थकान, जोड़ों में दर्द के साथ ही उल्टी और दस्त होना, आंखों का लाल होना और माथे का बहुत तेज गर्म होना आदि.
नेचुरोपैथी है बेहतर वायरल के दौरान सही खानपान से आप न सिर्फ अपना इम्यून सिस्टम मजबूत कर सकते हैं, बल्कि वायरल फीवर को भी दूर कर सकते हैं. अगर बुखार 102 या इससे कम हो तो घरेलू नुस्खे आजमाकर भी बुखार को कम किया जा सकता है. मरीज के शरीर पर सामान्य पानी की पट्टियां रखें. पट्टियां तब तक रखें, जब तक शरीर का तापमान कम न हो जाए. मरीज को हर छह घंटे में पैरासिटामोल की एक गोली दे सकते हैं. बुखार नहीं उतर रहा तो आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
तुलसी का काढ़ा
प्राकृतिक उपचार के लिए तुलसी के पत्ते सबसे प्रभावी औषधि है. एक चम्मच लौंग पाउडर को करीब 20 ताजा और साफ तुलसी के पत्तों के साथ एक लीटर पानी में डालकर उबाल लें. इस काढ़े का हर दो घंटे में सेवन करें. बैक्टीरियल विरोधी, कीटाणुनाशक, जैविक विरोधी और कवकनाशी गुण तुलसी को वायरल बुखार के लिए सबसे उत्तम बनाते हैं.
धनिये की चाय
धनिये में मौजूद एंटीबायोटिक यौगिक वायरल संक्रमण से लड़ने की शक्ति देते हैं. धनिये के बीज शरीर को विटामिन देते हैं. पानी में एक बड़ा चम्मच धनिये के बीज डालकर उबाल लें. इसके बाद इसमें थोड़ा दूध और चीनी मिलाएं.
नीबू और शहद
नीबू का रस और शहद वायरल फीवर को कम करते हैं. शहद और नीबू के रस का सेवन भी कर सकते हैं.