साउथ वेस्टर्न रेलवे (South Western Railway) ने हुबली स्टेशन पर 6 फुट ऊंचा फ्रीज़ (Fridge) लगाया है जिसमें 5 रैक हैं. इनमें 2 रैक पके हुए खाने को रखने के लिए जबकि 2 रैक फल और सब्जियों को रखने के लिए बनाए गए हैं. इस फ्रीज़ की कीमत 80000 रुपये है. इसका मूल उद्देश्य ही मुसाफिरों और स्टेशन के फूड कोर्ट (Food Court) में बचे अतिरिक्त भोजन को सुरक्षित रखना है.खास बात ये है कि इस फ्रीज़ को लगाने के तीन दिन के भीतर ही 100 से ज़्यादा जरूरतमंदों ने इसमें रखे भोजन से अपनी भूख मिटाई है. कोई भी ज़रूरतमंद व्यक्ति इससे फ्री में खाना लेकर खा सकता है. इसके साथ ही इस फ्रीज़ में मांसाहारी भोजन को रखने की मनाही भी है, ताकि हर तरह के जरूरतमंद इसके भोजन को खा सकें.
देशभर में खुलेंगे जनता फ्रीज़
इसके साथ ही ऐसे काम को आगे बढ़ाने के लिए NGO से भी संपर्क किया जा रहा है. भारतीय रेल में हर रोज़ करीब 2.5 करोड़ मुसाफिर सफर करते हैं. बड़ी संख्या में लोगों के फुट फॉल के साथ ही उनके इस्तेमाल करने के बाद भारी मात्रा में खाने वाले सामानों की बर्बादी भी होती है. इसलिए रेलवे को कोशिश है कि इस जनता फ्रीज़ की योजना का विस्तार किया जाए ताकि देशभर में भोजन की बर्बादी को अपने स्तर पर रोक सके. साउथ वेस्टर्न रेलवे ने इस फ्रीज़ का प्रचार स्टेशन और आसपास के इलाकों में भी करना शुरू किया है ताकि ज्यादा से ज्यादा भोजन को बचाया जा सके जिससे कि ज़्यादा से ज्यादा लोगों की भूख मिटाई जा सके.
एक और जहां भारत भूख की गंभीर समस्या से जूझ रहा है, वहीं दूसरी और देश में बड़े पैमाने पर खाने की बर्बादी की जाती है. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक भारत में 40 फीसदी खाना बर्बाद हो जाता है, जिसकी कीमत करीब 50 हज़ार करोड़ रुपये होती है. इसमें रख रखाव, आबंटन और बचे हुए भोजन को फेंक देना सबसे बड़ा कारण है.
हम रोज़ाना अपने आस-पास ढेर सारा खाना बर्बाद होते हुए देखते ही हैं. ख़ासकर शादी, होटल, पारिवारिक और सामाजिक कार्यक्रमों, यहां तक कि घरों में भी बचा हुआ खाना यू हीं फेंक दिया जाता है. अगर ये खाना बचा लिया जाए और ज़रूरतमंदों तक पहुंचा दिया जाए तो कई लोगों का पेट भर सकता है.