सहजन एक बहु उपयोगी पेड़ है। इसे हिन्दी में सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा आदि नामों से भी जाना जाता है। इस पेड़ के विभिन्न भाग अनेकानेक पोषक तत्वों से भरपूर पाये गये हैं। इसलिये इसके विभिन्न भागों का विविध प्रकार से उपयोग किया जाता है। इसकी पत्तियों और फली की सब्जी बनती है। इसका उपयोग जल को स्वच्छ करने के लिये तथा हाथ की सफाई के लिये भी उपयोग किया जा सकता है। इसका जड़ी-बूटियों में भी उपयोग होता है। इसके बहुत से आयुर्वेदिक फायदे पाए गए हैं।
सहजन लिवर, आंत , किडनी, कैंसर और मोटापा सहित कई रोगों में लाभकारी होता है। सब्जी के रूप में इसे काफी ताकतवर माना जाता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व मानव शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं। सहजन की पत्तियों में विटामिन बी6 विटामिन C विटामिन E प्रोटीन आयरन मैग्निश्यम पोटैशियम जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं। इसके फल में विटामिन C और सहजन की पत्तियों में कैल्शियम एंटीऑक्सीडेंट्स बायो एक्टिव प्लांट कंपोनेंट होते हैं जो पूरे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है।
सहजन की पत्तियों का या इसके फल का सूप बना कर पीने से खून की सफाई होती है जिससे चेहरे में चमक आती है। सहजन की 100 ग्राम पत्तियों में दूध से 17 गुना कैल्शियम और गाजर से 10 गुना बीटा कैरोटीन होता है। पालक से 25 गुना आयरन होता है, सहजन में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है, जो शरीर को कई तरह के संक्रमण से बचाने में मददगार है
इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन C शरीर को बूस्ट करने का काम करता है जिससे शरीर के सभी अंग नये जैसे हो जाते है। साथ ही ये किडनी और आँतों की सफाई करने में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके हफ्ते में 3 से 4 बार सेवन करने से खून की सफाई सहित कई अंगों की भी सफाई हो जाती है।