पूरे विश्व में विभिन्न धर्मों और जातियों के लोग हैं। वह सभी अपने संस्कारों का पालन करने के साथ अपना जीवन अपनी मर्जी से जीते हैं। सभी लोगों के काम करने का तरीका और लाइफस्टाइल एकदम अलग होती है।
आज हम आपको किन्नरों की एक सच्चाई के बारे में बताने जा रहा हैं जिससे आप शायद अनजान हैं। इन किन्नरों के रहन सहन और अंतिम संस्कार का तरीका एकदम भिन्न है।
एक बात जो सभी के मन में अक्सर चलती रहती है कि आख्रि किन्नरों का अंतिम संस्कार हर आदमी क्यों नहीं देख सकता है। किन्नरों का अंतिम संस्कार सभी धर्मों के लोगों से अलग होता है। किन्नरों का अंतिम संस्कार रात के समय करते हैं जिससे इनके अंतिम संस्कार को कोई आदमी देख न सके।
इन लोगों का ये मानना है कि यदि कोई व्यक्ति इनके अंतिम संस्कार को देख लेता है तो मरा हुआ व्यक्ति दोबारा किन्नर का ही जन्म लेता है। किन्नर के अंतिम संस्कार के समय मौजूद सभी किन्नर मृत शरीर को जूतों और चप्पलों से पीटते हैं। ये लोग ऐसा इसलिए करते हैं कि मृत व्यक्ति के पापों का प्रायश्चित हो सके और वह इंसान कभी दोबारा किन्नर का जन्म न ले।