Home छत्तीसगढ़ क्या छत्तीसगढ़ में “Soft Hindutva” कार्ड खेलने की कोशिश कर रही है...

क्या छत्तीसगढ़ में “Soft Hindutva” कार्ड खेलने की कोशिश कर रही है कांग्रेस?

27
0

केन्द्र सरकार द्वारा कश्मीर (Kashmir) से धारा 370 हटाए जाने के बाद साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण से अछूते माने जाने वाले छत्तीसगढ़में भी कांग्रेस का सॉफ्ट हिन्दुत्व (Soft Hindutva) देखने को मिल रहा है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद कांग्रेस (Congress) के इस एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं. मालूम हो कि सोमवार को हजारों शिवभक्तों के साथ हाथों में कांवड़ थामे सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel), गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के साथ कांग्रेसी विधायक और महापौर मंदिर तक दौड़ लगाते हुए नज़र आए. कश्मीर से धारा 370 (Articel-370) हटाए जाने के बाद जिस तरह बीजेपी (BJP) के पक्ष में माहौल बनता दिखाई दे रहा है, उसके बाद कांग्रेस(Congress) में इसे लेकर खलबली मची हुई है.

कश्मीर से हटाए जाने के बाद से देश के बीजेपी (BJP) के पक्ष में माहौल बनता दिख रहा है. ऐसे में कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सॉफ्ट हिन्दुत्व के एजेंडे को लेकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है. मालूम हो कि 12 अगस्त को सावन का आखरी सोमवार और बकरीद का त्यौहार एक साथ पड़ा. ऐसे में कांग्रेस के किसी भी नेता की तस्वीर मुस्लिम बहुल इलाके में बधाई देते हुए दिखाई ही नहीं दी. जबकि मुख्यमंत्री समेत कांग्रेस के तमाम आला नेताओं की कांवड़ थामकर बोल-बम के जयकारे लगाने वाली तस्वीरें ज्यादा प्रचारित की गई. सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मंत्रियों के साथ सावन सोमवार के आखिरी दिन कांवर लेकर अपने मंत्रियों के साथ झांकी में शामिल हुए.

कांग्रेस नहीं लेना चाहती रिस्क:

बात अगल पिछले साल के ईद की करें तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए भूपेश बघेल खुद ईद की बधाई देने मुस्लिम बहुल इलाकों में पहुंचे थे. लेकिन जानकारों का मानना है कि धारा 370 हटाने के बाद बीजेपी के पक्ष में पूरे देश में माहौल बना है. ऐसे में प्रदेश की सत्ता में काबिज कांग्रेस छत्तीसगढ़ में इससे कोई नुकसान नहीं चाहती. इसलिए सॉफ्ट हिन्दुत्व का एजेंडा छत्तीसगढ़ में भी खड़ा करने की कोशिश की जा रही है.

इसके पीछे एक और कारण ये भी है कि बीजेपी इस बात पर लगातार विवाद पैदा करने की कोशिश करती है, कि कांग्रेस मुस्लिम परस्त पार्टी है. कई बार बीजेपी के प्रवक्ता इसे लेकर कांग्रेस पर आरोप भी लगाते रहे है. लेकिन कांग्रेस हर बार इस वार से बचने की कोशिश करती रही है. लेकिन इस बार बीजेपी-कांग्रेस नेताओं की इस कांवड़ यात्रा को जहां 370 का असर बताते हुए मुस्लिमों के पक्ष में बयानबाजी कर रही है वहीं कांग्रेस इस मामले में बीजेपी पर राजनीति का आरोप लगा रही है.

बीजेपी-कांग्रेस ने कही ये बात:

इस पूरे मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा का कहना है कि ये हमारी आस्था का केंद्र है. सावन का महीना वैसे भी पवित्र महीना माना जाता है, शंकर की आराधना की जाती है. इसमे हिन्दुत्व वाली कोई बात नहीं है. बीजेपी केवल बेवजह राजनीति कर रही है. वहीं बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि कांवर उठाकर चलना कोई गलत बात नहीं है. असल बात ये है कि हर ईद में टोपी लगाकर भूपेश बघेल मुस्लिम भाईयों को बधाई देने जाते थे, लेकिन इस बार वो नहीं गए. इससे साफ तौर पर दिख रहा है कि कांग्रेस सॉफ्ट हिन्दुत्व की ओर बढ़ रही है. अब मुस्लिम समाज की अनदेखी हो रही है. केवल उन्हे वोट बैंक समझा गया है.