हिमाचल में बरसात से प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लग गई है. एक महीने में ही 364 करोड़ रुपये पानी में बह गए हैं. बरसात से हुए नुकसान की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. भारी बरसात, बाढ़, बादल फटने, भूस्खलन और बिजली गिरने की घटनाओं से भारी नुकसान किया है. 1 जुलाई से लेकर 12 अगस्त की रिपोर्ट के तहत सरकार को 364 करोड़ 86 लाख का नुकसान हुआ है. सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग को पहुंचा है. लोक निर्माण विभाग को कुल 234 करोड़ का नुकसान है जबकि आईपीएच महकमे को 120 करोड़ का नुकसान हुआ है. बरसात के चलते 70 पक्के और 220 कच्चे मकान आंशिक रूप से ध्वस्त हुए जबकि 18 पक्के और 28 कच्चे मकान पूरी तरह से ध्वस्त हुए हैं.
दो हजार से ज्यादा पेयजल स्कीमें बाधित
बरसात के चलते आईपीएच महकमे की 2 हजार से ज्यादा पेयजल स्कीमें बाधित हैं. वहीं लोक निर्माण विभाग के तहत अभी भी 53 सड़कें बंद हैं. सरकार की ओर से इन्हें खोलने के लिए सर्कल बार कुल 83 मशीनें लगाई गई हैं। हिमाचल में 1 जुलाई से शुरू हुए बरसात सीजन में अब तक 11 बड़े भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं और 4 घटनाएं बादल फटने की हैं. बादल फटने की एक घटना कुल्लू जिले की है और तीन घटनाएं किन्नौर जिले की हैं.
हिमाचल में इस साल बारिश पिछले साल की तुलना में कम हुई है. तकरीबन हर जिले में सालाना औसत बारिश से इस साल कम बारिश हुई है. इसके बावजूद नुकसान का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. राज्य सरकार को मिली ताजी रिपोर्ट के मुताबिक नदी-नालों और बांधों की स्थिति सामान्य है और किसी भी तरह की जानमान की क्षति की आशंका रिपोर्ट में नहीं जताई गई है. नदियों में जलस्तर सामान्य चल रहा है. सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर नुकसान का ज्ञापन तैयार कर केंद्र सरकार को भेजेगी ताकि मदद मिल सके.