बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि पिछले कुछ तिमाही से घाटे में चल रही है।शहरों में पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों की बिक्री में कम हो रही है तो वहीं गांवों में भी इसकी ग्रोथ एक तिहाई तक कम हो गई है।
इसकी वजह प्राकृतिक उत्पादों कामार्केटबढ़ना भी रहा है।हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।एकरिसर्च फर्म के मुताबिक बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों की बिक्री पिछले वित्तसालमें शहरों में 2.7प्रतिशततक कम हो गई।वहीं ग्रामीण इलाकों में इसमें 15.7प्रतिशतकी वृद्धि देखी गई है।
इस रिपोर्ट के मुताबिकहिंदुस्तानमें प्राकृतिक उत्पादों की बिक्री में कुल 3.5प्रतिशतकी बढ़ोतरी हुई है।पिछलेवर्षकी ही तरह इसवर्षभी रूरलबाजारमें 5प्रतिशतकी बढ़ोतरी हुई है।आपकी जानकारी के लिए बताते चलेंकि एकवर्षपहले पतंजलि की ग्रोथ शहरों में 21.1प्रतिशतवग्रामीण इलाकों में 45.2प्रतिशतथी।
मल्टीनैशनल कंपनियों ने पतंजलि की चुनौती का सामना करने के लिए हर्बल ब्रैंड्स कीआरंभकी है क्योंकि लोगों को रुझान प्राकृतिक उत्पादों की ओर बढ़ा है।बाजारलीडर HUL ने भी हेयरकेयरवस्किन केयर के आयुर्वेदिक ब्रैंड लॉन्च किए हैं।कोलकेट ने भी वेदशक्ति के नाम से नया टूथपेस्ट लॉन्च कर दिया है। रुची सोया भी खरीद चुकी है पतंजलि
योग गुरु बाबा रामदेव कीप्रतिनिधित्ववाला पतंजलि समूह अब तक के अपने सबसे बड़े अधिग्रहण में खाद्यऑयलकंपनी रुचि सोया का मालिक बनने जा रहा है।
राष्ट्रीय कंपनी न्यायाधिकरण (NCLT) ने रुचि सोया के लिए पतंजलि की 4,350 करोड़ रुपये की संशोधित बोली को मंजूरी दे दी है।पहले इस खरीद की दौड़ में अदानी समूह की कंपनी अदानी विलमर भी थी, लेकिन उसके बोली से हटने के बाद रुचि सोया के लिये पतंजलि एकमात्र बोलीदाता रह गई थी।कंपनी के ऊपर करीब 9,345 करोड़ रुपये कालोनहै।