मध्य प्रदेश की सियासत से बड़ी खबर सामने आ रही है. ये खबर सूबे की कमलनाथ सरकार के लिए खतरे की घंटी है. ये खबर एक ऐसी जांच के संबंध में है, जिसमें दोषी पाए जाने वाले विधायकों की सदस्यता भी जा सकती है. यदि मौजूदा विधायकों की सदस्यता खतरे में पड़ी तो इसका सीधा असर मध्य प्रदेश विधानसभा में सीटों के समीकरण और सीएम कमलनाथ की कुर्सी पर पड़ना निश्चित है.
दरअसल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 30 विधायकों के शपथ पत्र में बताई गई आमदनी और उनके पांच वर्ष के आयकर रिटर्न में बताई आय में भारी अंतर पाया गया है. इनमें से 16 विधायकों को आयकर विभाग ने समन जारी करते हुए उनसे 15 दिन के अंदर जवाब देने के लिए कहा है. जिन 30 विधायकों की आमदनी में अंतर पाया गया है उनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 5, कांग्रेस के 9 विधायक और समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक एक विधायक भी शामिल हैं.
इस जांच में फंसे विधायक यदि इस बात का सही जवाब नहीं दे पाए तो उनकी आमदनी और चुनाव के दौरान शपथपत्र में दी गई आय के ब्यौरे में अंतर के बाद सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के आधर पर उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जा सकती है, जिससे कमलनाथ सरकार के लिए संकट पैदा हो सकता है.