सिन्दूर एक लाल या नारंगी रंग का सौन्दर्य प्रसाधन होता है जिसे भारतीय उपमहाद्वीप में महिलाए प्रयोग करती हैं। हिन्दू, बौद्ध, जैन और कुछ अन्य समुदायों में विवाहित स्त्रियाँ इसे अपनी माँग में पहनती हैं। इसका प्रयोग बिन्दियों में भी होता है। रसायनिक दृष्टि से सिन्दूर अक्सर पारे या सीसे के रसायनों का बना होता है, इसलिए विषैला होता है और इसके प्रयोग में सावधानी बरतने को और इस पदार्थ को बच्चों से दूर रखने को कहा जाता है।
दोस्तों आज कल औरतो में मांग में सिंदूर को लेकर एक अजीब सी व्यथा सामने आ रही है औरते मांग में सिंदूर तो लगाती है पर वह यह नही जानती है की उनकी थोड़ी सी गलती उनके पति के भाग्य को दुर्भाग्य में बदल सकती है. दोस्तों कई महिलाओं को यह नही पता है की आखिर सिंदूर का मतलब क्या है. आखिर क्यों लगाया जाता है सिंदूर. तो चलिए जानते है इसके बारे में.
* दोस्तों ऐसा भी माना गया है की जो औरत सिंदूर को अपनी मांग में बालो के अंदर छुपा लेती है. तो उसके पति का सम्मान समाज किनारे रख देता है. और पति समाज में छिपा ही रहता है. इसी वजह से कभी भी सिंदूर को लम्बा और सबको दिखे ऐसा लगाना चाहिए.
* दोस्तों ऐसा माना गया है की अगर किसी भी व्यक्ति की पत्नी के मांग में बिल्कुल बीच में सिंदूर लगा हुआ होता है तो उसका पति अकाल मृत्यु से नहीं मरता है. यह उसको सभी बुरे प्रभावों से दूर रखता है. और उसपर किसी प्रकार की कोई संकट नहीं आती है.
* दोस्तों अक्सर आप लोगो ने यह भी देखा होगा की बहुत सी स्त्रियां बीच में सिंदूर नहीं लगाती है. बल्कि किनारे पर लगा लेती है. ऐसा करने से पति-पत्नी के आपसी मन मुटाओ बन जाता है.