सिरदर्द से परेशान 19 साल की बालिका को ठीक करने का झांसा देकर अनाचार करने के आरोपी बैगा को कोर्ट ने धारा 376 के (2)(ट) के तहत दस साल सश्रम कारावास व एक हजार रुपये अर्थदंड और धारा 506 (2) के तहत तीन साल सश्रम कारावास व 500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला फास्ट ट्रैक कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश मधु तिवारी की अदालत ने दिया। घटना 26 जून 2016 की रात दस बजे की है। आरोपी बैगा दीपचंद पटेल मूलत: ओडिसा निवासी है और वह नंदिनी थाना अंतर्गत गोढ़ी में रहता था और झाड़-फूंक करता था।
शादी के लिए लड़के वाले आए, उसी दिन सिरदर्द
- सहायक लोक अभियोजन पुष्पलता पाढ़ी ने बताया, पीड़िता को सिरदर्द की शिकायत थी। शादी के लिए जिस दिन लड़का देखने आया उसी दिन सिरदर्द होने लगा। तब बालिका के माता-पिता उसे लेकर आरोपी बैगा के पास गए। उसने झाड़-फूंक किया और पीड़िता के कपड़े के पीछे दो टूटी हुई चूड़ी निकाल कर यह कहा कि इसे बाहरी हवा लगी है। इसलिए इसके पहने हुए कपड़े तालाब में फेंक दे।
- फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इस आधार पर दिया फैसला कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि झाड़फूंक से आरोपी इलाज कर रहा था। जिससे वह अपने प्रभाव में लेकर पीड़िता के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म करने संबंधी तथ्य प्रमाणित है। डॉ विनिता धुर्वे की मुलाहिजा रिपोर्ट प्रादर्श पी-10 में पुिष्ट हुई है । बताने पर उसके पागल हो जाने और मार देने की धमकी देकर अपराध किया गया। साक्षी के रूप में पीड़िता की माता-पिता, बहन द्वारा जो बयान दिया गया।