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उद्योगों में रैन वॉटर हारवेस्टिंग की अनिवार्यता की जांच के लिए बनेगी टीम गठित

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कलेक्टर श्री रजत बंसल ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों का जिले में समुचित क्रियान्वयन को लेकर शनिवार 20 जुलाई को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में शाम चार बजे समीक्षा बैठक ली, जिसमें बॉयोमेडिकल अपशिष्ट के प्रबंधन एवं निबटान के लिए अधिकृत संस्था पर सतत् निगरानी करने के निर्देश क्षेत्रीय अधिकारी, सी.ई.सी.बी. रायपुर को दिए। साथ ही नगरीय निकाय क्षेत्रों में प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरीबैग के उपयोग करने वालों के विरूद्ध लगातार छापामार कार्रवाई कर प्रकरण दर्ज करने, प्लास्टिक अपशिष्ट जलाने वालों पर जुर्माना लगाने के लिए नगर निगम के आयुक्त को निर्देशित किया। 
इसी तरह जिले में संचालित औद्योगिक संस्थानों एवं राइस मिलों में अनिवार्य रूप से रैनवाटर हारवेस्टिंग की व्यवस्था हो। इसके परीक्षण के लिए उन्होंने तीन सदस्यीय दल गठित करने के भी निर्देश दिए, जिसमें सी.ई.सी.बी., उद्योग विभाग तथा खाद्य विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे। बैठक में कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि जिले के उद्योगों एवं राइस मिलों के संचालक अपने औद्योगिक क्षेत्र में स्वयं पौधरोपण करना सुनिश्चित करें। इससे वायु प्रदूषण पर काफी हद तक नियंत्रण लगाया जा सकेगा। बैठक में वन विभाग द्वारा नदी किनारे 64 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण किए जाने के लक्ष्य की जानकारी दी गई। कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धमतरी को महानदी के किनारे तटीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि का चिन्हांकन कर पौधरोपण के लिए आरक्षित करने एवं फसल अवशेष के जलाए जाने वाले लंबित प्रकरणों पर शीघ्रता से कार्रवाई करने के भी निर्देश कलेक्टर ने दिए। बैठक में वन मण्डलाधिकारी श्री अमिताभ बाजपेयी, अपर कलेक्टर श्री दिलीप अग्रवाल, रीजनल ऑफिसर सी.ई.सी.बी. रायपुर श्री एस.के. उपाध्याय सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।