हिमाचल के सरकारी स्कूलों में दोपहर के भोजन और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को दूध-दलिये के साथ हिमाचल का सेब भी खाने को मिलेगा। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीज व रेल में सफर करने वाले यात्री भी हिमाचली सेब का स्वाद चख सकेंगे। प्रदेश सरकार का उपक्रम एचपीएमसी पहली बार बागवानों से सेब खरीदकर संबंधित विभागों को देगा। इस सेब को मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और रेलवे को भी बेचेगा। इन राज्यों से बातचीत चल रही है।
गुरुवार को बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में एचपीएमसी के निदेशक मंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। बागवानी मंत्री ने बताया कि शिक्षा, स्वास्थ्य और बाल कल्याण विभाग से बैठक कर उनके संस्थानों में सेब मुहैया करवाने की योजना तैयार करेंगे।
एचपीएमसी बागवानों से सेब खरीदकर संबंधित विभागों को देगा। इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट की आगामी बैठक में लाया जाएगा। सेब खरीद के लिए 100 कलेक्शन सेंटर स्थापित होंगे। एचपीएमसी की इस नई व्यवस्था के बाद सेब बागवानों को इसका लाभ होगा।
एक तो उनके सी-ग्रेड सेब की बिक्री को नई मार्केट मिलेगी, वहीं एचपीएमसी समय पर बागवानों के पैसे का भी भुगतान कर पाएगा। अभी तक सेब बागवानों के सामने सी ग्रेड सेब का समय पर भुगतान नहीं हो पाना बड़ी समस्या है।
दागी सेब की क्रेट में होगी ढुलाई
क्वालिटी खरीद के लिए सुपरवाइजर रखे जाएंगे। परवाणू में सेब की बोली लगेगी। शिमला जिले के पराला में बड़ी और गांवों में छोटी सेब प्रोसेसिंग यूनिटें खुलेंगी। बागवानों को कार्टन भी देंगे। 31 मार्च, 2018 तक एचपीएमसी 86.55 करोड़ के घाटे में था। इस घाटे को दूर करने और सेब मार्केट का विस्तार करने के लिए निदेशक मंडल की बैठक में यह फैसले लिए गए।
निदेशक मंडल ने फैसला लिया कि दागी सेब की ढुलाई इस बार क्रेट में होगी। ओलावृष्टि से चौपाल, जुब्बल कोटखाई, रोहड़ू, करसोग और जंजैहली में काफी फसल दागी हुई है। क्रेट में सेब परवाणू तक पहुंचाकर खराब होने से बचाया जा सकेगा। इससे सेब के दाम अच्छे मिलैंगे। परवाणू में होने वाली सेब की बिक्री के दौरान एचपीएमसी के वाइस चेयरमैन, एजीएम, जीएम सहित अन्य बड़े अधिकारी एक-एक दिन मौजूद रहेंगे। अभी 2.47 रुपये प्रति किलो के दाम पर यहां सेब बिकता है।
सब्सिडी लेने वाली प्रोसेसिंग यूनिटों से 15 को बैठक
बागवानी मंत्री ने बताया कि कई उद्योगों ने प्रदेश में सेब प्रोसेसिंग के लिए सब्सिडी ली है, लेकिन कच्चा माल बाहरी राज्यों से ले रहे हैं। ऐसे उद्योग संचालकों के साथ 15 जुलाई को बैठक होगी। इस सीजन में यह उद्योग कितना सेब उठाएंगे, इस बैठक में फैसला लेंगे।